16वें आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम में होंगे शामिल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 17 जनवरी। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल की 29वीं वाहिनी और नेहरू युवा केंद्र कांकेर के संयुक्त प्रयास से 16वें आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत 40 युवाओं (20 युवक और 20 युवतियां) को आज अहमदाबाद, गुजरात के लिए कोण्डागांव से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
आईटीबीपी 29वीं बटालियन के अनुसार, ये युवा नेलवाड, फरसगांव, झारा, छोटेडोंगर और धनौरा जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से चयनित किए गए हैं। उन्हें पहले कांकेर तक बस के माध्यम से लाया गया, जहां से वे भारत भ्रमण के लिए अहमदाबाद रवाना हुए। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासी युवाओं को विभिन्न सांस्कृतिक और शैक्षिक अनुभव प्रदान कराना है, ताकि वे अपने सामाजिक और राष्ट्रीय दायित्वों को बेहतर तरीके से समझ सकें।
कार्यक्रम के दौरान आईटीबीपी 29वीं वाहिनी के कमांडेंट दुष्यंत राज जयसवाल ने बताया कि, बल का मुख्य उद्देश्य न केवल सुरक्षा प्रदान करना है, बल्कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे ग्रामीणों के सामाजिक और आर्थिक विकास में योगदान देना भी है। आईटीबीपी द्वारा नियमित रूप से स्वास्थ्य शिविर, खेलकूद प्रतियोगिताएं और सिविक एक्शन कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, ताकि युवाओं में देशभक्ति और समाज सेवा की भावना को प्रोत्साहित किया जा सके। आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम पिछले 15 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य युवाओं को नई जगहों और संस्कृतियों से परिचित कराना है, जिससे उनके दृष्टिकोण में बदलाव आए और वे राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा सकें। इस यात्रा के दौरान ये युवा अहमदाबाद के प्रमुख सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और शैक्षिक स्थलों का दौरा करेंगे।
आईटीबीपी का मानना है कि इस तरह के कार्यक्रम युवाओं को प्रेरित करते हैं और उन्हें उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक बनाते हैं। यह न केवल उनके व्यक्तिगत विकास में सहायक है, बल्कि समाज और देश के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।यह कार्यक्रम न केवल इन युवाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का एक प्रयास है, बल्कि क्षेत्र के अन्य युवाओं को भी प्रेरित करने का एक सफल उदाहरण है।