‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 16 जनवरी। महासमुंद जिले में फ्लाईएश राख से त्रस्त ग्रामीणों ने बुधवार को सरायपाली-सारंगढ़ स्टेट हाइवे 153 पर चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन किया।
मालूम हो कि इस रास्ते प्रतिदिन सैकड़ों हैवी ट्रक क्षमता से अधिक फ्लाईएश लेकर इस मार्ग से गुजरते हैं। इससे सडक़ पर राख बिखर जाती है और धूल के गुबार उठते हैं। विशेषकर रात के समय में ये ओवरलोड वाहन तेज गति से चलते हैं। जिससे सुबह तक पूरी सडक़ राख से पट जाती है। बड़े वाहनों के गुजरने पर उड़ती धूल से छोटे वाहन चालकों को रुकना पड़ता है और दृश्यता शून्य हो जाती है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। अत: कल आक्रोशित ग्रामीणों ने वाहनों को रोका।
बार-बार शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई न होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने बुधवार सुबह बोन्दा गांव के पास सभी बड़े वाहनों को रोक दिया। हालांकि छोटे वाहनों को आने-जाने की अनुमति दी गई। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस और राजस्व विभाग की टीम ने ग्रामीणों से बातचीत की और दो ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की। इसके बाद ग्रामीण शांत हुए और चक्काजाम समाप्त किया।
स्थानीय नागरिक प्रकाश पटेल ने बताया कि डस्ट के कारण तीन लोगों के आंखों में इन्फेक्शन हो गया है। जब डस्ट से भरे ओवरलोड ट्रक चलते हैं तो सडक़ पर धूल के गुब्बारे उडऩे लगते हैं। खासकर दो पहिया वाहनों को डस्ट उडऩे से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इस संबंध में प्रशासन से कई बार शिकायत की गई लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। डस्ट से करीब 50 गांव प्रभावित हो रहे हैं। खासकर उन लोगों को काफी परेशानियों का सामना सालों से करना पड़ रहा है, जिनके घर सडक़ के दोनों ओर बसे हुए हैं। दरवाजे, खिड़कियां बंद करके रखना पड़ता है, नहीं तो डस्ट घर के अंदर तक आता है। प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर इस पर रोक लगाने की मांग की जाएगी। इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।