कुरुद , 13 जनवरी। लोक परब छेरछेरा पुन्नी नगर सहित ग्रामीण अंचल में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। आज सुबह दरवाजे पर छोटे एवं बड़े लोगों की टोली पारम्परिक गीत गाते हुए अन्नदान करने गुहार लगाने लगी। पहले प्राय: सभी घरों में छेरछेरा टोली को अन्न के रुप में धान का दान किया जाता था,अब इसमें मुफ्त वाला चांवल,नगद राशि, बिस्कुट और चॉकलेट भी शामिल हो गया है।
सोमवार को सुबह से ही बच्चों का झुंड घरों-घर जाकर छेरछेरा मांगते नजर आया। बड़े लोग भी समूह में बाजे-गाजे के साथ पहुंचे। कहीं-कहीं पर पुरुषों की टोली लोकगीत एवं डंडा नृत्य करते हुए किसानों से अन्नदान प्राप्त किया। लोक परम्परा के कद्रदान लोगों ने खुशी खुशी उन्हें धान चांवल एवं दुसरी चीजें भेंटकर बिदा किया।
बताया गया कि पौष पूर्णिमा के अवसर पर मनाए जाने वाले इस पर्व में अन्नपूर्णा देवी की पूजा की जाती है। विधायक अजय चन्द्राकर, जनपद अध्यक्ष शारदा साहू, नपं अध्यक्ष तपन चन्द्राकर, नेता प्रतिपक्ष भानु चन्द्राकर ने नागरिकों को पर्व की बधाई देते हुए घर आए लोगों को अन्नदान किया।
ग्राम कठौली निवासी भाजपा जिला उपाध्यक्ष गौकरण साहू, सरपंच थानेश्वर तारक, पूजा लोकेश साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ में अन्नदान का महापर्व छेरछेरा पर्व नई फसल आने की खुशी में मनाया जाता है। जिसमें सुबह से ही बच्चे, युवक व युवतियाँ हाथ में टोकरी,झोला और बोरी लेकर घर-घर छेरछेरा माँगते हैं। छेरछेरा उत्सव कृषि प्रधान संस्कृति में दानशीलता की परंपरा को याद दिलाता है।
छेरछेरा मांग कर लौटे युक्ती, भावेश, खुशी, सोनू आदि बच्चों का कहना है -पहले अधिकांश घरों में धान दिया जाता था, लेकिन अब सोसायटी का चावल और चॉकलेट, बिस्कुट जैसी चीजें मिल रही है।
जिससे हमें संग्रहण के लिए अलग-अलग व्यवस्था करनी पड़ती है।