संस्कृति और सामाजिक व्यवस्था से युवा पीढ़ी को कराया परिचित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 10 जनवरी। गोरला पंचायत के गोरला चौक पर तीन दिनों से आदिवासियों का हुजूम लगा हुआ है। पेनकरसाड जात्रा में हजारों आदिवासी इकठ्ठा होकर जात्रा मना रहे हैं।
जिले के अलग-अलग पंचायतों से 19 पेन आए हुए हैं, उनके साथ आदिवासी सामुदायिक के यालम, वासम, टिंगे, गोटा, पारेड, गोड्डे, चिडेम, गोंदी, मट्टी सहित कई परिवार इस पेनकरसाड में शामिल हुए हैं।
आदिम संस्कृति और सामाजिक व्यवस्था से युवा पीढ़ी को परिचित कराने के उद्देश्य से वीर नारायण सिंह गोरला चौक में तीन दिवसीय आदिम देवों का करसाड़ आयोजन किया गया है।
गुरुवार को पुरखा पेन नृत्य और स्थानीय पारंपरिक नृत्य का आयोजन किया गया। तीन दिवसीय आयोजन में बुधवार को आमंत्रित पुरखा पेन देवी देवताओं का आगमन और स्वागत किया गया। इस करसाड़ में बीजापुर जिले के विभिन्न गांवों से 19 देवी-देवताओं सहित महाराष्ट्र और तेलंगाना के समाज प्रमुखों ने हिस्सा लिया।
गोंड समाज प्रमुखों ने बताया कि बीते चार सालों से यह आयोजन फसल कटाई मिंजाई के बाद पुस के महीने में किया जाता है। जिसका एक मात्र उद्देश्य आदिम संस्कृति और सामाजिक व्यवस्था से युवा पीढ़ी को परिचित कराना है।
धर्मांतरण पर रोक लगाने बनाई कार्ययोजना
गोंड समाज प्रमुखों ने बताया कि एक लंबे समय से साजिशन हमारे लोगों के बीच धर्मांतरण का खेल हो रहा है जिसके चलते लालच, भय या अन्य कारणों से धर्मांतरित लोगों की घर वापसी और अपनी संस्कृति और परंपराओं को युवाओं में गौरवान्वित अनुभव कराने में यह आयोजन सफल हो रहा है।
वीर नारायण सिंह गोरला चौक में आयोजित करसाड़ में बाजार भी बुलाया गया था, जहां लोगों ने अपने जरूरत की चीजों की खरीदारी की।