बिलासपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 27 नवंबर। छत्तीसगढ़ में आरक्षक संवर्ग 2023-24 के तहत 5,967 पदों पर हो रही भर्ती प्रक्रिया पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। यह रोक पुलिसकर्मियों के बच्चों को फिजिकल टेस्ट में दी गई छूट के विरोध में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद लगाई गई।
छत्तीसगढ़ में आरक्षक पदों की भर्ती प्रक्रिया 16 नवंबर से शुरू हो चुकी थी। पुलिस विभाग द्वारा जारी विज्ञापन और आवेदन प्रक्रिया के बाद डीजी पुलिस ने सचिव को पत्र लिखकर पुलिसकर्मियों और पूर्व सैनिकों के बच्चों को भर्ती प्रक्रिया में छूट देने की सिफारिश की थी।
इस पत्र में भर्ती नियम 2007 के कंडिका 9(5) के तहत नियमों में शिथिलता का सुझाव दिया गया था। इसके तहत फिजिकल टेस्ट के दौरान ऊंचाई और छाती की चौड़ाई जैसे 9 मानकों में छूट का उल्लेख था। अवर सचिव ने इस सिफारिश को मंजूरी दे दी थी। इस नियम के खिलाफ बेदराम टंडन ने हाईकोर्ट का रुख किया। उनके वकील ने तर्क दिया कि केवल पुलिसकर्मियों के बच्चों को छूट देना आम नागरिकों के साथ भेदभाव है। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति राकेश मोहन पांडेय ने कहा, ‘नियमों में बदलाव का लाभ सभी आवेदकों को मिलना चाहिए। केवल विभागीय कर्मचारियों को प्राथमिकता देना भेदभावपूर्ण है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस अपने फायदे के लिए नियम बना रही है, जो पद का दुरुपयोग है।’
हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया में हुए बदलावों को अस्वीकार्य ठहराते हुए कहा कि डीजीपी को नियमों में छूट देने का अधिकार है, लेकिन इस अधिकार का मनमाने तरीके से उपयोग नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि नियम का लाभ सभी वर्गों को मिलना चाहिए, न कि केवल पुलिसकर्मियों के बच्चों को।
याचिकाकर्ता के बेटे ने राजनांदगांव में कॉन्स्टेबल जनरल ड्यूटी के लिए आवेदन दिया था। मामले में प्रस्तुत दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने फिलहाल भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।