सरगुजा

परसा कोल ब्लॉक को निरस्त करने व फर्जी ग्राम सभा कराने वाले अफसरों पर एफआईआर की मांग
26-Nov-2024 8:43 PM
परसा कोल ब्लॉक को निरस्त करने व फर्जी ग्राम सभा कराने वाले अफसरों पर एफआईआर की मांग

सैकड़ों ग्रामीणों ने निकाली रैली, कलेक्टोरेट पहुंच किया प्रदर्शन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अम्बिकापुर,26 नवंबर। मंगलवार को हसदेव अरण्य क्षेत्र में फर्जी ग्राम सभा के आधार पर संचालित कोल ब्लॉक को निरस्त करने एवं फर्जी ग्रामसभा प्रस्ताव को निरस्त करने और फर्जी ग्राम सभा कराने वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज करने को लेकर सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले उदयपुर क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों ने अंबिकापुर में रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन अगर इस पर शीघ्र कार्यवाही नहीं करता है तो वह आने वाले दिनों में अदानी की रेल पटरी उखाड़ देने की चेतावनी और अन्य उग्र प्रदर्शन और आंदोलन की चेतावनी दी है।

ग्रामीणों ने कलेक्टर सरगुजा के माध्यम से राज्यपाल मुख्यमंत्री एवं पंचायत मंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि जिला सरगुजा, जिला कोरबा, जिला सूरजपुर, सरगुजा संभाग में अनुसूचित क्षेत्र में जबरन और बिना रूढ़ीगत ग्राम सभा की अनुमति, पेशा ग्राम सभा का उल्लंघन करते हुए फर्जी ग्राम सभा करके ई-नीलामी, माईनिंग लीज के नाम पर भूमि का अधिग्रहण तथा भूमि अधिग्रहण के लिए फर्जी ग्राम सभा कराई गई है।

हसदेव के अलावा सर्व आदिवासी समाज ने आरक्षण को लेकर भी राज्यपाल, मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर बताया कि जनसंख्या सांख्यिकी विभाग के द्वारा भारत के जनगणना अभी भी सामान्य लोगों का नहीं किया है और किस आधार से अनुसूचित क्षेत्र में वार्ड पंच, डी. डी.सी, बी.डी.सी. एवं नगरीय निकाय चुनावों में आरक्षण ला रहा है इसकी कोई भी संविधानिक डाटा प्रकाशित नहीं किया गया है कि अनुसूचित क्षेत्र में कितना प्रतिशन जनसंख्या सामान्य कोटे के हैं। यह एक विरोधाभाष एवं समाज को आपस में टकराव उत्पन्न करने की साजिश है। छत्तीसगढ़ राज्य में त्रिस्तरीय पंचायती राज चुनाव एवं नगरीय निकाय चुनाव में अनुसूचित जनजाति की जनगणना जनसंख्या सूचांक 2011 के आधार पर लागू करके उनके आरक्षित सीट को सामान्य किया जा रहा है जो बिल्कुल ही असंवैधानिक कार्य हो रहा है जिससे आने वाले चुनाव में बहुत बड़ा समाज में विद्रोह एवं अन्दोलन की ओर सरकार जबरजस्ती टकराहट कराकर लड़ाने का कुटिल प्रयास कर रही है।

 जिसका हम घोर विरोध करते हुए राज्य सरकार को चेतावनी दे रहे है कि समय सीमा पर हमारे मांगो पर विचार करके पुन: आदिवासी सीट को यथास्थिति किया जाये। मांग पुरा नहीं होने पर चुनाव का बहिष्कार अनुसूचित जनजाति वर्ग एवं आदिवासी समाज बहिस्कार करेगा, इस बहिष्कार आन्दोलन में जो भी प्रिय-अप्रीय घटना, शांति भंग स्थिति निर्मित होगी जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी जिला निर्वाचन अधिकारी एवं राज्य निर्वाचन अधिकारी का होगा।

मांग की है कि  छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायती एवं नगरीय निकाय चुनाव के लिए जनसंख्या अनुपात में आरक्षण लागू किया जाए अन्यथा सर्व आदिवासी समाज अपनी हक की लड़ाई के लिए बाध्य रहेगी एवं सडक़ पर उतरेग यदि हमारी उक्त मांग को शासन पांच दिवस के अन्दर पूरा नहीं करेगा तो पू सरगुजा संभाग में उग्र आंदोनल किया जाएगा जिस की पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।


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