सरगुजा

अंबिकापुर, 1 जुलाई। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) महासभा ने अपने समुदाय के हितों के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है।
अंबिकापुर में यह ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर सुनील कुमार नायक के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, और मुख्यमंत्री के नाम प्रेषित किया गया है। ओबीसी महासभा ने विगत कई वर्षों से हर माह ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों को उठाया है, किंतु राष्ट्रीय जनगणना, 2 दिसंबर 2022 को पारित आरक्षण संशोधन विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर जैसे ज्वलंत मुद्दे अभी तक अनसुलझे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष राधेश्याम साहू के मार्गदर्शन और प्रदेश उपाध्यक्ष एवं सरगुजा संभाग प्रभारी परशुराम सोनी के नेतृत्व में सौंपे गए।इस ज्ञापन में ओबीसी समुदाय के सामाजिक, आर्थिक, और शैक्षणिक उत्थान के लिए 23 बिंदुओं पर जोर दिया गया है। इस अवसर पर प्रदेश सचिव सुभाष गुप्ता, संभाग मीडिया प्रभारी आदित्य गुप्ता, रघु सोनी, युगल किशोर, संतोष विश्वकर्मा, इंदु कश्यप, मालती यादव, रश्मि सोनी, रूप नारायण दास उपस्थित थे।
ज्ञापन में राष्ट्रीय जनगणना में ओबीसी की गणना, समानुपातिक आरक्षण,क्रीमीलेयर और 50 प्रतिशत कैपिंग की समाप्ति,27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण और बैकलॉग नियुक्तियाँ,मंडल कमीशन की अनुशंसाएँ, संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल करना, छात्रावासों का प्रावधान,स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करना, बैकलॉग नियुक्तियाँ, शिक्षा युक्तियुक्तीकरण का निरस्तीकरण,छात्रवृत्ति में समानता, कृषि संकाय की अनिवार्यता, ओबीसी प्रमाण पत्र प्रक्रिया का सरलीकरण, बजट में समानुपातिक प्रावधान,पृथक ओबीसी विभाग की स्थापना, एट्रोसिटी एक्ट का विस्तार, किसानों के लिए खाद-बीज की उपलब्धता,साक्षात्कार प्रक्रिया समाप्त करना, वनभूमि पट्टा, अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण, बर्खास्त बी.एड शिक्षकों का समायोजन, अंशकालीन स्वीपर का पूर्णकालिक करना, मध्यान्ह भोजन रसोइयों के मानदेय में वृद्धि करने की मांग की गई है।