दुर्ग
दुर्ग, 14 नवंबर। नवीन शासकीय संगीत महाविद्यालय में सोमवार को डॉ. ऋचा ठाकुर ने प्राचार्य पद का पदभार ग्रहण किया। डॉक्टर ऋचा ठाकुर भरतनाट्यम और कथक की जानी-मानी शास्त्री हैं। वे शासकीय गल्र्स कॉलेज में 30 वर्षों से अधिक समय तक सेवा देने के बाद अब इस महाविद्यालय के नेतृत्व की बागडोर संभालेंगी।
उन्होंने भरतनाट्यम और कथक में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है और कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए हैं। उनके नाम कई पुस्तकें और शोध पत्र प्रकाशित हैं। इस अवसर पर डॉ. ऋचा ठाकुर ने कहा, कला शिक्षा न केवल व्यक्तिगत विकास के लिए बल्कि समाज के सर्वांगीण विकास के लिए भी आवश्यक है। मैं इस महाविद्यालय को देश के सर्वश्रेष्ठ संगीत महाविद्यालयों में से एक बनाना चाहती हूं। कार्यक्रम में पूर्व प्रभारी डॉ. के. पद्मावती का शाल, श्रीफल और पौधे से सम्मान कर उनके योगदान को सराहा गया। उन्होंने महाविद्यालय में संगीत, नृत्य और नाटक जैसे विभिन्न कलाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। महाविद्यालय परिवार ने उनके प्रयासों और कर्तव्यनिष्ठा की सराहना करते हुए उन्हें मार्गदर्शक के रूप में सदा महाविद्यालय के साथ रहने का अनुरोध किया।
मुख्य लिपिक यशवंत साहू ने समस्त शिक्षकों एवं स्टाफ का परिचय कराते हुए नए सहायक लिपिक धनराज भोयर का भी स्वागत किया।
प्राचार्य डॉ. ठाकुर ने भविष्य में महाविद्यालय में संगीत उत्पादन, संगीत चिकित्सा और संगीत प्रबंधन जैसे नए विषयों के साथ-साथ पीजी डिप्लोमा कोर्सेज को प्रारंभ करने की योजना बताई। वे प्रसिद्ध शिक्षाविद् डॉ. देवेशदत्त मिश्र और डॉ.सुमन मिश्र की पुत्री हैं। कार्यक्रम में डॉ. निधि वर्मा, गजेन्द्र यादव, सर्वजीत बाम्बेश्वर, अपराजिता चटर्जी, डॉ. संगीता चौबे सहित समस्त स्टाफ उपस्थित थे।