बेमेतरा

बेरला के एक राइस मिल में सप्लाई की थी तैयारी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 13 नवंबर। जिले में बगैर अनुमति के दूसरे प्रदेश से पहुंचे धान से भरे 2 ट्रकों को राजस्व, मंडी, पुलिस व खाद्य विभाग की टीम ने बरामद कर संदिग्ध मानते हुए कार्रवाई की। जिला खाद्य अधिकारी गणेश कुर्रे के अनुसार नियम विपरीत सप्लाई किए जाने की वजह से कार्रवाई की गई। दोनों वाहन में 30-30 टन धान भरा हुआ था। दूसरी तरफ दूसरे प्रदेश से धान लाकर शॉर्टेज में खपाने की आशंका भी जताई जा गई।
जानकारी हो कि जिले में 14 नवबंर से धान त्यौहार के साथ 129 धान खरीदी केन्द्रों में धान की खरीदी प्रारंभ होगी। खरीदी प्रारंभ होने के 48 घंटे पूर्व मध्यप्रदेश के सिहोर जिले से अलग-अलग दो ट्रक में 12 लाख का धान अपलोड कर जिले के बेरला में संचालित राइस मिल में खपाने की तैयारी की जा रही थी कि सूचना के बाद मौके पर पहुंचे बेमेतरा एसडीएम घनश्याम तंवर ने कार्रवाई करते हुए बेमेतरा मंडी सचिव व खाद्य विभाग की टीम को सूचना देकर बुलाया, जिसके बाद वाहन चालक राम ईश्वर व दूसरे वाहन के चालक मदन से टीम ने पूछताछ की, जिसमें एमपी के सिहोर से दोनों ट्रक में धान भरकर बेरला के पास संचालित राइस मिल में सप्लाई करने के लिए जाने की जानकारी दी। इसके बाद दस्तावेज मांगा गया, जिसमें बेमेतरा जिला में प्रवेश के पूर्व अनुमति नहीं ली गई थी।
बगैर अनुमति के जिले के सरहद में प्रवेश करने पर मंडी सचिव व अन्य अधिकारियों ने दोनों वाहनों को थाना में लाकर खड़ा कर दिया। दोनों वाहन में लोड धान की कीमत करीब 12 लाख से अधिक होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
गिरदावारी सत्यापन के प्रयास पर पानी फेर सकते हैं तस्कर
प्रशासन द्वारा पूर्व में की गई गिरदावरी का 5 फीसदी सत्यापन कराया जा रहा है। इसी तरह तीन चरण में हो रहे सत्यापन पर धान के उत्पादन की वास्तविक जानकारी जुटाकर बोगस पंजीयन कराने वालों को दूर रखने का प्रयास किया जा रहा है। इस तरह की कसरत से जिले में धान पंजीयन कराने के बाद तस्करी कर धान खपाने वालों पर अंकुश लगाने की कोशिश की जा रही है, जिस पर तस्करी रोकने में की जा रही ढिलाई पर पूर्व में किए गए प्रयासों पर पानी फिर सकता है।
जिले में 1.62 लाख किसान धान बेचेंगे
129 धान खरीदी केन्द्रो में बीते सत्र के दौरान 156829 किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था। इस बार जिले में किसानों की संख्या और रकबा दोनों में इजाफा हुआ है। आने वाले 14 नंवबर को धान बेचने के लिए 162052 किसानों ने 190132.985 हेक्टेयर का धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है। जिले में आने वाले समय में होने वाली धान खरीदी के दौरान 31 जनवरी तक 1031939 टन धान की आवक होने का अनुमान है।
धान खरीदी की तैयारी की समीक्षा की जानी जरूरी
जिला चारों तरफ से अलग-अलग जिलों की सरहद से जुड़ा हुआ है, जिसमें से कबीरधाम जिला से होकर एमपी, मुंगेली की सरहद से होते हुए एमपी व राजनांदगांव जिला की सरहद से होते हुए महराष्ट्र की ओर आवगामन होता है। इसके अलावा जिला से होकर गुजरे दो नेशनल हाइवे भी परिवहन व यातायात के बड़े माध्यम हैं, जिस तरह कवर्धा, मुंगेली व राजनांदगांव की टीम द्वारा दीगर प्रदेश से लाए जाने वाले धान की धरपकड़ के लिए चेकपोस्ट बनाए गए हैं, उस तरह की व्यवस्था जिले में नहीं की गई है। धान से भरे हुए जिस ट्रक को पकड़ा गया है, वो मध्यप्रदेश के सिहोर जिले से कबीरधाम के रास्ते जिले में पहुंचा। जबकि चोकपोस्ट होने की स्थिति में इस तरह से जिले में धान आने से पूर्व ही पकड़ा जा सकता था। सूत्रों के अनुसार शासन द्वारा पूर्व में ही दीगर प्रदेष से धान लाकर खपाए जाने की रोकथाम के लिए निगरानी करने के कड़े निर्देश दिए गए थे। जिले में रोकथाम के लिए बैरियर बनाने की दरकार है।
मान गए कर्मचारी अब धान खरीदी
जिले में 102 समिति में कार्यरत कर्मचारी अपनी तीन सूत्रीय मांग को लेकर विगत दिनों से हड़ताल पर चल रहे थे। सूत्रों के अनुसार हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने सीएम के आश्वासन के बाद हड़ताल वापस लिया है, जिससे खरीदी के प्रथम दिन में होने वाली संभावित समस्या से समय पूर्व राहत मिली है।
जिला खाद्य अधिकारी गणेश कुर्रे ने बताया कि छत्तीसगढ़़ में धान खरीदी नीति के तहत बगैर परमिट के धान से भरे वाहन के प्रवेश होने पर कार्रवाई की गई है। दोनों वाहनों को सिटी कोतवाली में खड़ा किया गया है।