महासमुन्द
आरटीआई के तहत जानकारी मांगने पर खुलासा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,11नवंबर। राज्य शासन के निर्देश पर प्रदेश भर में सडक़ों से पशुओं को हटाने की कार्रवाई स्थानीय निकायों ने शुरु की थी। इसी तारतम्य में नगर पंचायत बसना ने करीब 400 गायों को सडक़ों से उठाकर अन्यत्र रखा था। समाचार लिखते तक सभी 400 गायें लापता हो गई है। ये स्थानीय कांजी हाउस में भी नहीं हंै। इसका खुलासा आरटीआई के तहत जानकारी मांगने पर हुआ है। अगर जानकारी मांगी जाए तो यही हाल प्रत्येक जनपदों, नगरपंचायतों नगरपालिका में मिलेगा। बहरहाल ‘छत्तीसगढ़’ को बसना नगर पंचायत की जानकारी मिली है।
मालूम हो कि बीते जुलाई को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश का पालन करते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने सभी जिले के कलेक्टर, निगम आयुक्त तथा मुख्य नगर पालिका, नगर पंचायत अधिकारी को सडक़ों से मवेशी हटाकर उन्हें समुचित चारा-पानी की व्यवस्था कर सुरक्षित स्थान पर रखने हेतु निर्देश जारी किया था। निर्देश के तहत अधिकारियों को सडक़ से गाय उठाने के बाद उसे किस वाहन से भेजा गया, किस स्थान पर रखा, जहां रखा गया वहां पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ अथवा नहीं, वहां चारा-पानी, शेड की व्यवस्था थी भी कि नहीं, जो पशु सडक़ों से हटाए गये थे, उनके पालकों पर जुर्माना लगाई गई अथवा नहीं इसकी जानकारी किसी को नहीं है।
प्रदेश के सभी स्थानों की तरह नगर पंचायत बसना ने भी कागजों पर निर्देश तो दे दिए लेकिन इन निर्देशों का पालन करने नगर पंचायत के पास ना तो पर्याप्त कांजी हाउस की व्यवस्था थी, और ना ही कोई ऐसा स्थान, जहां मवेशियों के लिए समुचित व्यवस्था की जा सके। जिसके चलते सडक़ों से दुर्घटना कम करने गायें तो उठा ली गईं लेकिन, अब वह लापता बतायी जा रही है। इस संबंध में सीएमओ नगर पंचायत बसना सूरज सिदार से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फ ोन रिसीव नहीं किया।
विभागीय जानकारी अनुसार आदेश के बाद बसना नगर पंचायत ने करीब 400 गायें सडक़ों से उठाई थीं। जिसके बाद से आज तक ये सभी गायें लापता बताई जा रही हंै। बसना निवासी प्रदीप ठाकुर ने इस मामले में सूचना के अधिकार के तहत नगर पंचायत बसना से उठाये गये गायों की जानकारी मांगी थी। जिसमें उन्हें नगर पंचायत द्वारा 400 गायों को सडक़ों से उठाकर अस्थायी कांजी हाउस में रखना बताया गया है।
श्री ठाकुर ने आरोप है कि नगर पंचायत बसना द्वारा सडक़ों से उठाए गए गायों को रखने हेतु समुचित व्यवस्था नहीं की गई और उन्हें जंगल में छोड़ दिया गया। इसके बाद से गायें लापता हो गई या तस्कर उठा ले गए। इसके चलते कुछ गायों से इनके बछड़े भी बिछड़ गये जो आज भी अपनी मां को खोज रहे हैं। मांओं से बिछडऩे के बाद बछड़ों की स्वास्थ्य भी खराब हो चुका है।
स्थानीय निवासी महेन्द्र साव ने बताया-करीब 250 गौवंश का इलाज मैंने किया था। ये गायें दुर्घटना से घायल और बीमार थीं। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर वह अनुविभागीय अधिकारी से शिकायत पर सीएमओ पर अपराध दर्ज करने की मांग करेंगे। शासन द्वारा यह निर्देश आवारा पशुओं के कारण सडक़ों पर होने वाली दुर्घटना रोके जाने हेतु जारी किया गया था। लेकिन निर्देश का सही तरीके से पालन नहीं होने से 400 गायें लापता हो गई र्हैं। बताया जा रहा है कि सडक़ों से गाय उठाने के बाद नगर पंचायत ने इसकी मुनादी भी कराई थी। लेकिन पशुपालक अपनी गायों को लेने नहीं आये।