महासमुन्द
अभी भी पुलिस बल तैनात सामुदायिक भवन के लिए नई जमीन चिन्हांकित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 7 नवंबर। ग्राम लाफि नखुर्द में एक निजी जमीन पर स्थापित जैतखंभ को आदिवासी और सतनामी समाज में चर्चा के बाद बुधवार देर शाम हटाने के बाद गांव में पूरे दिन शांति रही। आज सुबह भी शांति का माहौल है। बुधवार रात भर यह गांव पुलिस के पहरे में रहा। कल प्रशासनिक अधिकारियों ने सामुदायिक भवन के लिए समीप ही एक अन्य सरकारी जमीन का चिन्हांकन किया है। इस पर सहमति के प्रयास किए जाएंगे।
मालूम हो कि जमीन विवाद को लेकर बुधवार को पूरे दिन गांव में आदिवासी और सतनामी समाज के आमने-सामने आने के कारण तनावपूर्ण माहौल था। देर शाम मामले का अस्थाई हल निकलने के बाद मामला शांत हुआ। बावजूद डीएसपी, 2 टीआई समेत 50-60 पुलिस जवानों का बल कल पूरे दिन वहां तैनात रहा।
जानकारी अनुसार आज भी उनकी तैनाती यथावत रहेगी। चौक-चौराहों पर पेट्रोलिंग टीम घूम रही है। वहीं गांव के सभी प्रवेशद्वारों पर तैनात बल द्वारा आगंतुकों की जांच की जा रही है।
कैंप लगाकर इस त्रुटियों को सुधारा जाएगा
तहसीलदार ने कहा कि सामुदायिक भवन निर्माण के लिए कल राजस्व अमले के साथ एक सरकारी जमीन का चिन्हांकन किया गया है। प्रक्रिया आगे जारी है। बंदोबस्त की त्रुटियों के कारण जमीन समस्याएं हैं। बाद में गांव में कैंप लगाकर इस त्रुटियों को सुधारा जाएगा।
सतनामी समाज की बैठक
कल ही गांव में सतनामी समाज की बैठक हुई। तहसीलदार कृष्णकुमार साहू, नायब तहसीलदार, राजस्व अमले के साथ मौके पर पहुंचे। कल हुई चर्चा के बाद कल तहसीलदार कृष्णकुमार साहू ने राजस्व अमले और ग्रामीणों के साथ सामुदायिक भवन के लिए खसरा नंबर. 845 के ही एक टुकड़े को चिन्हांकित किया है। यह सरकारी जमीन है। पंचायत में प्रस्ताव पारित करने की प्रक्रिया बाद में पूरी की जाएगी। कल जिस जमीन पर सतनामी समाज ने जैतखंभ स्थापित किया था। वह जमीन गांव के एक आदिवासी बिसराम ध्रुव की निजी जमीन निकली थी। बताया गया है कि अभी के रिकार्ड में उसे त्रुटिवश सरकारी जमीन दर्शाया गया है।