‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 5 नवंबर। जिले के सभी शासकीय प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के विद्यार्थियों को अब सुबह स्कूल आते ही नाश्ता मिलेगा। पोड़ी-उपरोड़ा तथा कोरबा ग्रामीण क्षेत्र में वितरण के पश्चात् 4 नवंबर से कोरबा जिले के अन्य सभी शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में इसकी शुरूआत कर दी गई है।
दोपहर को मध्यान्ह भोजन मिलने से पहले स्कूल पहुंचते ही सुबह का नाश्ता मिलने पर विद्यार्थियों में उत्साह का वातावरण था। कटघोरा, पाली, करतला तथा कोरबा ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में जिला पंचायत अध्यक्ष शिवकला कंवर तथा संबंधित जनपदों के अध्यक्ष एवं अन्य जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में विद्यार्थियों को सुबह नाश्ता प्रदान किया गया।
दीपावली अवकाश के पश्चात् स्कूल प्रारंभ होते ही विद्यालय पहुंचे विद्यार्थियों को गरम नाश्ता प्रदान किया गया। स्कूल की कक्षा में जाते ही नाश्ते के लिए आमंत्रित किए जाने पर विद्यार्थियों में खुशी की लहर दौड़ गई। क्षेत्र के स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं शाला विकास प्रबंधन समिति के माध्यम से विद्यार्थियों को नाश्ता परोसा गया। नाश्ता पाकर विद्यार्थी एक दूसरे से चर्चा करते रहे और घर पहुंचते ही अपने माता पिता, भाई-बहनों को भी स्कूल में नाश्ता मिलने की जानकारी दी। विद्यार्थी इस बात पर भी खुश थे कि अब उन्हें प्रतिदिन स्कूल पहुंचने पर सुबह-सुबह गरम नाश्ता मिलेगा।
शासन के निर्देश पर उद्योग, वाणिज्य एवं श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन के मार्गदर्शन में जिला खनिज संस्थान न्यास की शासी परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया था कि कोरबा जिले के शासकीय प्राथमिक और माध्यमिक शाला के विद्यार्थियों को नाश्ता प्रदान किया जाएगा। इस निर्णय के परिपालन में सर्वप्रथम कोरबा ब्लॉक के शहरी तथा पोड़ी-उपरोड़ा ब्लॉक के समस्त विद्यालयों में नाश्ता वितरण का उद्घाटन मंत्री श्री देवांगन की अध्यक्षता में किया गया। जिले के दूरस्थ विकासखण्ड पोड़ी-उपरोड़ा और कोरबा शहरी अंतर्गत विद्यालयों में नाश्ता वितरण कार्यक्रम का बेहतर फीडबैक प्राप्त होने और विद्यार्थियों की उपस्थिति बढऩे को देखते हुए नाश्ता वितरण जिले के अन्य ब्लॉक कटघोरा, पाली, करतला तथा कोरबा ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्र में भी आज से प्रारंभ कर दिया गया है। शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों को दिए जाने वाले नाश्ते के मेन्यू का निर्धारण उनकी पसंद के आधार पर किया गया है। इसके लिए डीएमएफ से लगभग 08 करोड़ प्रतिवर्ष की राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है।