बलरामपुर

पीसीसी चीफ ने कहा- थाने के अंदर युवक की हत्या हुई है, सरकार की ओर से आना चाहिए जवाब
26-Oct-2024 8:48 PM
पीसीसी चीफ ने कहा- थाने के अंदर युवक की हत्या हुई है, सरकार की ओर से आना चाहिए जवाब

पीडि़त परिवार से दीपक बैज ने की मुलाकात

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलरामपुर,26 अक्टूबर। बलरामपुर जिले के कोतवाली थाने में स्वास्थ्य कर्मी की मौत के बाद हुए बवाल को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष दीपक बैज बलरामपुर पहुंचे और उन्होंने पीडि़त परिवार से मुलाकात कर अपनी संवेदना व्यक्त की, वहीं शनिवार को मृतक गुरु चंद मंडल का अंतिम संस्कार बलरामपुर संतोषी नगर ग्राम में किया गया।

पीडि़त परिवार से मिलने के पश्चात मीडिया से बातचीत के दौरान दीपक बैज ने कहा कि बलरामपुर की घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। यह पूरी घटना लोहारीडीह की घटना से मिलती-जुलती है।

प्रदेश सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में लगातार अराजकता का माहौल निर्मित हो चुका है। प्रदेश में शासन-प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं है, जहां  मानव द्वंद की स्थिति निर्मित हो गई है।

दीपक ने कहा कि थाने में युवक ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि उसकी हत्या हुई है, इसके लिए पूरी तरह से सरकार और पुलिस प्रशासन जिम्मेदार है। मृतक की लाश का पोस्टमार्टम कराकर जल्दी जलाने की कोशिश पुलिस द्वारा की गई, जिससे यह प्रतीत होता है कि पुलिस इस मामले को जल्दी से जल्दी दबाना चाह रही थी।

प्रदेश में सभी तरफ अराजकता का माहौल निर्मित है, यह सरकार पूरी तरह से निरंकुश हो गई है। उन्होंने पूछा कि मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री कहां है, सरकार की ओर से जवाब आना चाहिए। आरोपियों के विरुद्ध हत्या का केस दर्ज होना चाहिए। कांग्रेस पार्टी पीडि़त परिवार के साथ खड़ी है, जब तक न्याय नहीं मिलेगा, लड़ाई लड़ेंगे।

इधर, साजा विधायक के बेटे की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कानून व्यवस्था को लेकर हमेशा से सवाल उठाती रही। वहीं साजा विधायक के बेटे के द्वारा आदिवासी युवक की पिटाई के मामले में आदिवासी युवक को एफआईआर दर्ज कराने के लिए भटकना पड़ा। वहीं साजा विधायक ने अपनी ही सरकार पर बिना जांच कर एफआईआर दर्ज करने को लेकर सवाल उठा दिया। इसलिए हमने सवाल उठाया कि छत्तीसगढ़ में दो प्रकार की कानून व्यवस्था चलती है। एक भारतीय जनता पार्टी के लिए अलग कानून तो कांग्रेस और आम जनता के लिए अलग कानून चलता है। लेकिन कानून को एक समान आंकलन करना चाहिए सरकार को।


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