बलरामपुर

रामानुजगंज,9 अगस्त। राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत विकासखण्ड रामचंद्रपुर के अंतिम छोर पर उत्तर प्रदेश की सरहद से लगे विशेष पिछड़ी जनजाति कोरवा-पण्डों बाहुल्य ग्राम त्रिशूली एवं पचावल में बृहत नेत्र शिविर का आयोजन बुधवार को खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ हेमंत दीक्षित की उपस्थिति में किया गया। बारिश का मौसम तथा दुर्गम क्षेत्र होने एवं खेती किसानी की अधिकता के बीच सम्पन्न इस शिविर में आसपास के ग्रामों के लोग बड़ी संख्या में अपने आँखों की जाँच कराने पहुँचे।
नेत्र सहायक अधिकारी मनोज कुमार उपाध्याय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामानुजगंज के द्वारा सभी उपस्थित ग्रामीण एवं वृद्घ जनों का नेत्र परीक्षण किया गया तथा उनके ब्लड प्रेशर एवम् ब्लड शुगर की भी जाँच की गई। पूरे दिनभर चले इस शिविर में कुल 212 रोगियों के आँखों की जांच की गयी।
जांच के दौरान 65 रोगियों में मोतियाबिंद, 7 रोगियों में आँख के पर्दे से संबंधित बीमारी, 75 रोगियों में निकट की दृष्टिहीनता तथा शेष मरीजों में आँखों से सम्बन्धित अन्य बीमारियाँ पायी गई। शिविर में जांच के दौरान 27 मरीजों में हाई ब्लड प्रेशर, 9 में लो ब्लड प्रेशर , 26 में हाई ब्लड शुगर तथा 7 में लो ब्लड शुगर पाया गया।
सभी मोतियाबिंद के मरीजों को जिला चिकित्सालय बलरामपुर जाकर कृत्रिम लेंस प्रत्यारोपण कराने की सलाह दी गई, इस कार्य हेतु वाहन व्यवस्था के लिये उच्चाधिकारी से अनुरोध किया जाएगा, शेष अन्य रोगियों का मौके पर ही उपचार किया गया आवश्यक दवाइयाँ नि:शुल्क दी गई।
आंखों की जाँच के दौरान निकट दृष्टिहीनता पाये गये 75 मरीजों को शिविर स्थल पर ही खण्ड चिकित्सा अधिकारी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि के कर कमलों से नि:शुल्क चश्मे का वितरण किया गया। ग्रामीण लोग जिन्हें निकट का नहीं दिखायी पड़ता था, चश्मा मिलने के बाद उन्हें दिखाई देने से काफी खुश नजर आये।
स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने ग्रामीण क्षेत्र में अन्य स्थानों पर इसी प्रकार के और शिविर आयोजित किये जाने का खण्ड चिकित्सा अधिकारी से अनुरोध किया जिससे अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें। भविष्य में भी विकासखण्ड रामचन्द्रपुर के अन्य दूरस्थ एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस प्रकार के शिविर आयोजित करने की योजना है जिससे स्वास्थ्य सुविधावों का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाया जा सके।शिविर को सफल बनाने में स्थानीय स्वास्थ्य अमला एवं मितानिनों का सराहनीय योगदान रहा।