रायगढ़

किसी भी कीमत पर कोल ब्लॉक के लिए जमीनें नहीं देने का निर्णय
13-Jul-2024 4:50 PM
किसी भी कीमत पर कोल ब्लॉक के  लिए जमीनें नहीं देने का निर्णय

 वेदांता एल्युमिनियम ने बर्रा कोल ब्लॉक को 3144 हे. भूमि में फैलाने की शुरू की तैयारी, आठ गांवों की जाएगी जमीन   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 13 जुलाई।
वेदांता एल्युमिनियम ने रायगढ़ जिले के खरसिया विकास खण्ड के बरगढ़ खोला में आवंटित बर्रा कोल ब्लॉक से उत्पादन शुरू करने प्रक्रिया प्रारंभ की है। खनिज विभाग ने एग्रीमेंट साइन करने के लिए जमीन की मुद्रांक और पंजीयन शुल्क की जानकारी मांगी है। यह कोल ब्लॉक करीब 3144 हे. भूमि पर फैलेगा।
कोल मिनिस्ट्री ने रायगढ़ और कोरबा जिले की सीमा में फैले बर्रा कोल ब्लॉक का आवंटन वेदांता एल्युमिनियम को किया है। नीलामी में कंपनी ने सर्वाधिक बोली लगाई। वेदांता कंपनी का कोरबा में प्लांट है इसलिए बर्रा कोल ब्लॉक के लिए बोली लगाई गई।

इस खदान में बगझर, बर्रा, जोबी, करूवाडीह, कुरू, मिनगांव, नागोई, पुछियापाली और कोरबा के रामपुर की जमीनें जाएंगी।
बताया जा रहा है कि करीब 3144 हे. भूमि इस कोल ब्लॉक के लिए अधिग्रहित की जाएगी। करीब 3144 हे. क्षेत्रफल में फैलने वाले इस कोल ब्लॉक में वन भूमि करीब 5 वर्ग किमी है। इतने जंगलों का विनाश करके खरसिया शहर ये 16 किमी दूर कोयला खदान शुरू होगी।

कोरबा तक कोयला परिवहन आसान होने के कारण यह खदान वेदांता ने ली है। केप्टिव के साथ कमर्शियल यूज भी किया जाएगा। माइनिंग लीज के लिए अनुबंध विलेख निष्पादन किया जाना है इसलिए मुद्रांक शुल्क और पंजीयन शुल्क की जानकारी मांगी गई है। बर्रा कोल ब्लॉक आवंटन के बाद ही विरोध प्रारंभ हो गया था।

आदिवासियों ने किसी भी कीमत पर कोल ब्लॉक के लिए जमीनें नहीं देने का निर्णय लिया है। इधर खरसिया समेत दूसरे क्षेत्रों में जमीन दलाल भी सक्रिय हो चुके हैं। अब प्रदेश में राजनीतिक परिदृश्य भी बदल चुका है, लेकिन खरसिया में वही स्थिति है। आदिवासी भी एकजुट हो चुके हैं। पिछले दिनों कुर्रु क्षेत्र के लोगों ने कोयला खनन के लिए लगें कैम्प हटाने के आंदोलन का श्रीगणेश कर दिया स्थानीय पुलिस और प्रशासन के मान मनौव्वत से 15दिन में हटाने का लिखित शपथ पत्र दिए जाने पर आंदोलन स्थगित किया गया है। ग्रामीणों से मिली जानकारी अनुसार बरगढ़ खोला के कुछ सत्ताधारी दल के लोगों का कम्पनी के साथ उठना बैठना और कोयला खनन कम्पनी के कामगारों का सहयोग करने से खासे नाराजगी देखा जा रहा है, आक्रोशित ग्रामीणों के कोप भंजन का शिकार न हो जाए।
 


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