बीजापुर
नियमितीकरण की मांग को ले विधायक को सौंपा ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 20 सितंबर। छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ जिला बीजापुर ने अध्यक्ष रमाकांत पुनेठा के नेतृत्व में नियमितीकरण के लिए क्षेत्रीय विधायक विक्रम मण्डावी को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग सदस्य अजय सिंह व कांग्रेस जिलाध्यक्ष लालू राठौर भी उपस्थित रहे।
ज्ञात हो कि प्रदेश में कार्यरत अनियमित कर्मचारी 6 सूत्रीय मांग को लेकर विगत वर्षों से निरंतर संघर्षरत हैं।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों ने संघर्ष के दिनों में उनका साथ दिया और कांग्रेस की सरकार बनने पर 10 दिवस में प्राथमिकता से मांगों को पूरा करने का वादा किया था। वहीं कांग्रेस के जन घोषणा (वचन) पत्र दूर दृष्टि , पक्का इरादा, कांग्रेस करेगी पूरा वादा के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण करने, छटनी न करने तथा आउट सोर्सिंग बंद करने की बात कही थी। बावजूद सरकार के पौने तीन वर्ष पूर्ण होने के उपरांत भी अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने हेतु सरकार किसी प्रकार का पहल नहीं कर रही है।
इससे अनियमित कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त है।
ज्ञापन देने के दौरान महासंघ के जिला उपाध्यक्ष प्रशांत यादव, सचिव राहुल कौशिक के अलावा अन्य अनियमित कर्मचारी भी साथ थे।
ये है मांगें
समस्त अनियमित कर्मचारी, अधिकारीयों को नियमित किया जावे तथा नियमितीकरण तक 62 वर्ष की आयु तक नौकरी की सुरक्षा प्रदान करते हुए आवश्यकता होने पर सिविल सेवा नियम 1965 के तहत निलंबन करने का प्रावधान हो। विगत 4-5 वर्षों से निकाले गए / छटनी किये गए अनियमित कर्मचारियों को बहाल कर छटनी पर रोक लगाई जावे। 3. शासकीय सेवाओं में आउटसोर्सिंग ठेका/प्रथा को पुर्णत: समाप्त कर कर्मचारियों का समायोजन किया जावे। अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालीन किया जावे। 15 अनियमित कर्मचारियों पर गोल बाजार (एफ आई आर संख्या -156/वर्ष 2018 ) एवं आजाद चौक थाना (एफ आई आर संख्या-259 / वर्ष 2018 ) रायपुर में पंजीबद्ध केस पर न्यायालय में चल रही मुकदमें को वापस लिया जावे। अनियमित कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन यथा राज्य शासन कि सेवाओं के विभिन्न पदों पर संविदा वेतन एवं शासकीय दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों / कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन जो श्रम विभाग द्वारा जारी की जाती है, में वृद्धि किया जावे। नई भर्ती पर अनियमित कर्मचारियों को नियमितीकरण कर समायोजन किया जाए।