कोरबा

जज पहुंचे फरियादी के पास, 20 लाख क्षतिपूर्ति देने दिया फैसला
12-Sep-2021 5:45 PM
 जज पहुंचे फरियादी के पास, 20 लाख क्षतिपूर्ति देने दिया फैसला

दुर्घटना में तीन साल पहले दिव्यांग हुए युवक का सहारा बनी लोक अदालत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कोरबा, 12 सितंब । तीन साल पहले सडक़ दुर्घटना में घायल होकर दिव्यांग हुए द्वारिका प्रसाद को लोक अदालत में राज़ीनामा के द्वारा बीस लाख रुपए की मुआवज़ा राशि देने का फ़ैसला हुआ है।

सडक़ दुर्घटना में बुरी तरह घायल होकर दिव्यांग हुआ यह युवक अदालत में आने में असमर्थ था, तो लोक अदालत के दौरान जि़ला सत्र न्यायाधीश बी पी वर्मा ने द्वारिका प्रसाद और बीमा कम्पनी के वकीलों के साथ खुद न्यायालय परिसर में द्वारिका की गाड़ी के पास जाकर सुनवाई की । इस दौरान दोनो पक्षों ने दुर्घटना के बाद दिव्यांग हुए द्वारिका को बीस लाख की क्षतिपूर्ति देने पर राज़ी नामा कर सहमति जताई। इसके बाद जि़ला सत्र न्यायाधीश ने बीमा कम्पनी को बीस लाख रुपए की क्षतिपूर्ति राशि द्वारिका प्रसाद को देने का आदेश जारी किया। तीन साल से लम्बित इस प्रकरण का शनिवार को लोक अदालत में निराकरण हो जाने से दिव्यांग द्वारिका प्रसाद ने ख़ुशी ज़ाहिर की और न्यायालय की इस पहल पर आभार जताया।

घटना 3 दिसंबर 2018 को सुबह लगभग पांच बजे के बीच में आवेदक द्वारिका प्रसाद  कंवर पिता आसाराम कंवर उम्र लगभग 42 वर्ष एलटीपी चार पहिया वाहन क्र. सीजी 12 ए यू 0468 में  कोरबा जा रहा था। जैसे ही वह थाना सिटी कोतवाली कोरबा क्षेत्रान्तर्गत मानिकपुर के पास अनावेदक सुनील कुमार यादव के ट्रेलर के वाहन चालक राजकुमार द्वारा लापरवाहीपूर्वक ट्रेलर क्र. सीजी 12 एस 5293 से आवेदक द्वारिका को ठोकर मारकर घायल कर दिया। दुर्घटना के परिणामस्वरूप आवेदक के गर्दन के पास रीढ़ की हड्डी टूट गई है, जिसे ऑपरेशन कर रॉड डाला गया है। जिसके कारण आवेदक द्वारिका प्रसाद कंवर का सम्पूर्ण शरीर शिथिल होकर दिव्यांग हो गया है और वह भविष्य में वह आजीवन कोई कार्य नहीं कर पायेगा। दुर्घटना के कारण शरीर के अन्य हिस्से में भी गम्भीर एवं संघातिक चोटें आई थी।

 आवेदक घटना के पूर्व एक स्वस्थ जवान व्यक्ति था, जिसे किसी भी प्रकार की बिमारी नहीं थी, जो घटना के कारण पूर्ण रूप से अपंग होकर आजीवन दूसरे के उपर आश्रित रहेगा। आवेदक के दिव्यांग हो जाने के फलस्वरूप उसकी आय भी प्रभावित हुई है। वह किसी तरह की कोई आय अर्जित भी नहीं कर पाएगा, जिसके कारण उसके परिवार के समक्ष भरण पोषण की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई थी। आवेदक को जो शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक क्षति हुई है एवं भविष्य की जो आय की आर्थिक क्षति हुई है, उसका अनुमान लगाना असंभव है। फिर भी आवेदक द्वारिका प्रसाद कंवर द्वारा क्षतिपूर्ति राशि का मांग किया गया था।

उभय पक्षों ने समझौता होकर लिखित में समझौता आवेदन हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत 11 सितंबर को प्रस्तुत किया है। नेशनल लोक अदालत में आवेदक द्वारिका प्रसाद कंवर दिव्यांग हो जाने के कारण न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत होने में असमर्थ था, ऐसे में  बी. पी. वर्मा जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आवेदक  द्वारिका प्रसाद कंवर के अधिवक्ता  पी.एस. राजपूत तथा अनावेदक बीमा कंपनी के अधिवक्ता रामनारायण राठौर संयुक्त रूप से न्यायालय प्रांगण के बाहर स्वयं जाकर आवेदक द्वारिका प्रसाद कंवर के प्रकरण की सुनवाई की तथा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के घोष वाक्य ‘‘न्याय आपके द्वार’’ को सत्यार्थ कर, राजीनामा द्वारा प्रकरण निराकृत कर राशि 20 लाख रूपये की क्षतिपूर्ति प्राप्त की गई। उभयपक्षों ने स्वेच्छा पूर्वक बिना किसी भय दबाव के 20 लाख रुपये राजीनामा स्वीकार किया है।

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