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हैदराबाद, 23 दिसम्बर। एनएमडीसी सीएमडी सुमित देब ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी लौह अयस्क उत्पादक नवरत्न कंपनी एनएमडीसी लिमिटेड ने मिनरल एक्सप्लोरेशन कार्पोरेशन लिमिटेड (एमईसीएल) के साथ विभिन्न राज्यों में लौह अयस्क, स्वर्ण, कोयला, हीरा तथा अन्य खनिजों के संबंध में परस्पर सहमत परियोजनाओं में एक साथ कार्य करने तथा अन्वेषण करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
भारत सरकार की दो प्रमुख अन्वेषण एजेंसियों एनएमडीसी लिमिटेड तथा एमईसीएल के एक साथ कार्य करने से खनिज अन्वेषण तथा सहयोगी गतिविधियों में बेहतर तालमेल होगा। इससे विभिन्न खनिजों/अयस्कों के संसाधनों/आरक्षित क्षेत्रों का पता लगाने एवं उनके उत्खनन के साथ-साथ अभी तक अन्वेशण न किए गए खनन क्षेत्रों का पता लगाने में भी मदद मिलेगी। इससे भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान पहल को समर्थन मिलेगा तथा राष्ट्र की खनिज सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता बढ़ेगी।
श्री देब ने कहा कि एनएमडीसी इस्पात उद्योग की मांग को देश में पूरा करके प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को अपना योगदान प्रदान करना चाहता है। मुझे आशा है कि इस वेंचर से दोनों कंपनियों को अपने कार्यनीतिक तथा लाभकारी अन्वेषण मिशन को पूरा करने तथा उच्च प्राथमिकता वाले अन्वेषण क्षेत्रों में ध्यान केंद्रित करने के साथ ही देश में ऐसे खनिजों के उत्पादन में मदद मिलेगी जो पहले आयात किए जाते थे ताकि इससे आत्मनिर्भरता के उद्देश्य को पूरा किया जा सके। एनएमडीसी खनन के क्षेत्र में अग्रणी रहा है तथा अब झारखंड में तोकिसूद उत्तर कोयला खान तथा रोहणे कोयला खान के साथ कोयले के क्षेत्र में भी प्रवेश कर रहा है।


