कारोबार
कोलोराडो स्कूल ऑफ माइंस और एनएमडीसी में एमओयू
हैदराबाद, 26 दिसंबर। भारत की सबसे बड़ी लौह अयस्क उत्पादक कंपनी एनएमडीसी लिमिटेड ने बताया कि खनन प्रौद्योगिकियों, खनिज प्रसंस्करण तथा विशेष रूप से खनन अपशिष्ट और जटिल अयस्कों से महत्वपूर्ण खनिजों के निष्कर्षण को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से अमेरिका के कोलोराडो स्कूल ऑफ माइंस के साथ एक दीर्घकालिक अनुसंधान सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं ।
एनएमडीसी ने बताया कि यह एमओयू एनएमडीसी के अनुसंधान एवं विकास केंद्र, हैदराबाद और कोलोराडो स्कूल ऑफ माइंस के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज़ के बीच संपन्न हुआ। इस समझौते पर एनएमडीसी की ओर से श्री विनय कुमार, निदेशक (तकनीकी) ने हस्ताक्षर किए।
एनएमडीसी ने बताया कि यह रणनीतिक सहयोग भारत के खनन पारिस्थितिकी तंत्र में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं, अत्याधुनिक अनुसंधान और उभरती प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने की एनएमडीसी की परिकल्पना में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस एमओयू के अंतर्गत, एनएमडीसी और कोलोराडो स्कूल ऑफ माइंस कई अग्रणी क्षेत्रों में सहयोग करेंगे, जिनमें लौह अयस्क का संवर्धन और एग्लोमरेशन; खनन अपशिष्ट के उपयोग हेतु प्रौद्योगिकियों का विकास; स्वदेशी कच्चे माल का उपयोग कर वैकल्पिक लौह निर्माण प्रौद्योगिकियां; तथा दुर्लभ मृदा तत्वों सहित महत्वपूर्ण खनिजों का निष्कर्षण शामिल है।
एनएमडीसी ने बताया कि इसके साथ ही, साझेदारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, माइनिंग 4.0, तथा ड्रोन और स्वचालित वाहनों जैसी स्वायत्त प्रणालियों पर आधारित प्रौद्योगिकी-संचालित खनन समाधानों पर भी केंद्रित होगी ।
एनएमडीसी ने बताया कि यह पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण, उन्नत विनिर्माण तथा रणनीतिक उद्योगों के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण खनिजों के नए स्रोतों को विकसित करने के वैश्विक प्रयासों के अनुरूप है ।


