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रायपुर, 8 अगस्त। आकांक्षा लायंस इंस्टीट्यूट ऑफ लर्निंग एंड इम्पावरमेंट ने बताया कि मल्टीपल डिसेबिलिटी (बहु-दिव्यांगता) से ग्रसित बच्चों के लिए कस्टमाइज्ड व्हीलचेयर वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सेंस इंटरनेशनल इंडिया के सहयोग से एवं वीटोकिनोल प्राइवेट लिमिटेड के सीएसआर पहल के अंतर्गत प्रदत्त आर्थिक सहयोग से संपन्न हुआ।
इंस्टीट्यूट ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत आकांक्षा टीम द्वारा सभी विशिष्ट अतिथियों, आमंत्रितों एवं प्रतिभागियों के स्वागत के साथ हुई। स्वागत के पश्चात दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया, जो ज्ञान, देखभाल और समावेशिता के प्रकाश के प्रसार का प्रतीक है। उद्घाटन सत्र के दौरान कस्टमाइज्ड व्हीलचेयर की महत्ता को रेखांकित किया गया। ये व्हीलचेयर केवल चलने-फिरने का साधन नहीं, बल्कि जीवन को बेहतर बनाने वाले ऐसे उपकरण हैं, जो मल्टीपल डिसेबिलिटी से ग्रसित बच्चों को अधिक आत्मनिर्भरता, शरीर की सही स्थिति के लिए सहारा एवं दैनिक जीवन में आराम प्रदान करते हैं।
इंस्टीट्यूट ने बताया कि प्रत्येक व्हीलचेयर को बच्चों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार विशेष रूप से अनुकूलित किया गया है, जिससे उनकी कार्यक्षमता और पहुंच को बेहतर बनाया जा सके। यह अनुकूलन प्रक्रिया विगत दो दिनों में सेंस इंटरनेशनल इंडिया के श्री सिद्धार्थ गौर के तकनीकी मार्गदर्शन और सक्रिय सहयोग तथा आकांक्षा की समर्पित टीम के परिश्रम से पूरी की गई। इस कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 7 बच्चों को उनकी आवश्यकतानुसार कस्टमाइज्ड व्हीलचेयर प्रदान की गई।
इंस्टीट्यूट ने बताया कि कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री भगवती सक्सेना (जोनल डायरेक्टर, वीटोकिनोल प्रा.लि.), श्री लक्ष्मी साहू (स्टेट हेड, छत्तीसगढ़, वीटोकिनोल प्रा.लि.), श्री सिद्धार्थ गौर (प्रोग्राम ऑफिसर, सेंस इंटरनेशनल इंडिया), श्रीमती साधना नायक (निदेशक, आकांक्षा), श्री नित्यानंद जायसवाल (मुख्य परिचालन अधिकारी), श्री पंकज कुमार मौर्य (ईस्ट रीजनल प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर, डेफब्लाइंड प्रोजेक्ट) की गरिमामई उपस्थिति रही। इसके अतिरिक्त स्टाफ सदस्य, स्वयंसेवक एवं लाभार्थी बच्चों के परिजन भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे एवं सक्रिय भागीदारी की।


