कारोबार
2024-25 में प्रदेश के 473 किसान लाभान्वित
बालकोनगर, 2 अगस्त। बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक ने बताया कि वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने सिस्टम ऑफ राइस इनटेसिफिकेशन (एसआरआई) तकनीक से खेती को नई दिशा दी। इससे किसानों की आय में 15 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदेश के 473 किसान एसआरआई तकनीक के माध्यम से लाभान्वित हुए हैं।
उन्होंने बताया कि वहीं आगामी वर्ष में 546 किसानों को इस नवाचार से जोडऩे का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस वर्ष कुल 546 एकड़ भूमि पर एसआरआई विधि के अंतर्गत धान की खेती की गई, जिससे किसानों को पारंपरिक खेती की तुलना में बेहतर परिणाम प्राप्त हुए। एसआरआई तकनीक के प्रभावों की बात करें तो किसानों की शुद्ध आय में 15 से 20 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी गई है। धान की औसत उपज 10-12 क्विंटल प्रति एकड़ से बढक़र 15-18 क्विंटल प्रति एकड़ हो गई है। बीज, सिंचाई और रसायनों के उपयोग में कमी आने से इनपुट लागत में उल्लेखनीय बचत हुई है।
उन्होंने बताया कि बालको में हमारा विश्वास केवल औद्योगिक प्रगति तक सीमित नहीं है, बल्कि हम ग्रामीण जीवन की बेहतरी और टिकाऊ कृषि की दिशा में भी अपनी भूमिका को गंभीरता से निभाते हैं। एसआरआई जैसी नवोन्मेषी तकनीक किसानों के लिए एक सकारात्मक बदलाव का माध्यम बन रही हैं। एसआरआई के जरिए कम संसाधनों में अधिक उत्पादन और आय में वृद्धि हमारे सामुदायिक विकास प्रयासों की सफलता है।
उन्होंने बताया कि यह कृषि तकनीक समृद्ध और आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत की ओर एक ठोस कदम है। आने वाले वर्षों में हम और अधिक किसानों को इस बदलाव से जोडऩे के लिए प्रतिबद्ध हैं। सोनपुरी की राजिलाबाई कंवर बताती है कि पहले डर लगता था कि कम बीज से कैसे अच्छी फसल होगी, लेकिन एसआरआई विधि ने मेरी सोच ही बदल दी। जहाँ पहले 10-12 क्विंटल धान मिलता था, अब 15-18 क्विंटल तक की पैदावार हो रही है। कम खर्च में ज्यादा मुनाफा, यही तो हर किसान का सपना होता है। अब बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी निकल आता है।
श्रीमती कंवर ने बताया कि एसआरआई सिर्फ खेती का तरीका नहीं, बल्कि खुशहाल जिंदगी का रास्ता है। अब मैं अपनी बहनों को भी यह तकनीक सिखाती हूँ ताकि उनका भी भला हो सके। कृषि की अत्याधुनिक तकनीकों से ग्रामीणों को परिचित कराने के उद्देश्य से मॉडल एग्री-फार्म वेदांत एग्रीकल्चर रिसोर्स सेंटर (वीएआरसी) विकसित किया गया है। इसका संचालन कृषक उत्पादक संघ (एफ.पी.ओ.) द्वारा किया जाता है।


