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दिल्ली/मुंबई, 29 जुलाई। एएम/एनएस इंडिया ने बताया कि काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (ष्टस्ढ्ढक्र) – सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ साझेदारी की है, जो टिकाऊ अवसंरचना विकास की दिशा में परिवर्तनकारी नेतृत्व कर रही है और सडक़ निर्माण में प्राकृतिक स्रोतों के स्थान पर प्रोसेस्ड स्टील स्लैग एग्रीगेट्स के उपयोग की तकनीक पर जोर देती है। देश की पहली ऐसी कंपनी बनी है जिसे स्टील स्लैग वैल्यूराइजेशन टेक्नोलॉजी का लाइसेंस प्राप्त हुआ है। यह संस्था विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन कार्यरत एक राष्ट्रीय स्तर की अग्रणी संस्था है। यह लाइसेंस को स्टील स्लैग एग्रीगेट्स के उत्पादन हेतु अधिकृत बनाता है, जिनका उपयोग सडक़ निर्माण में किया जाएगा।
एएम/एनएस इंडिया ने बताया कि लाइसेंस प्रमाणपत्र प्राप्त किया है। इसका मतलब है कि कंपनी अपने गुजरात, हजीरा स्थित प्रमुख संयंत्र में विकसित विशेष तकनीक का उपयोग करके स्टील स्लैग एग्रीगेट्स का वैज्ञानिक रूप से प्रसंस्करण कर सकती है, जिसका उपयोग सडक़ निर्माण में होगा। आकार नामक ब्रांड के तहत विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए स्लैग का उत्पादन करती है, जो की सख्त तकनीकी मार्गदर्शिका, विनिर्देशों और गुणवत्ता नियंत्रण मानकों का पालन करता है।
एएम/एनएस इंडिया ने बताया कि तकनीकी लाइसेंस के तहत तैयार किए गए प्रोसेस्ड स्टील स्लैग एग्रीगेट्स सडक़ और राजमार्ग निर्माण में उपयोग की जाने वाली प्राकृतिक सामग्री की तुलना में अधिक मजबूत और कम लागत वाले साबित हुए हैं। प्रतिवर्ष लगभग 1.70 मिलियन टन स्टील स्लैग का उत्पादन करती है, जिसे अब की तकनीक के अनुसार प्रोसेस किया जा सकता है। सतीश पांडे, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक और तकनीक के आविष्कारक के अनुसार स्टील स्लैग रोड तकनीक भारत के सडक़ अवसंरचना क्षेत्र के लिए एक गेम चेंजर है।देश में प्रतिवर्ष 19 मिलियन टन से अधिक स्टील स्लैग उत्पन्न होता है, और बिना प्रोसेस किए स्लैग का उपयोग इस पर आधारित निर्माण सामग्री की यांत्रिक गुणवत्ता और दीर्घकालिक स्थिरता को खतरे में डालता है। इस लाइसेंस के साथ, जिसने हजीरा में भारत की पहली ऑल स्टील स्लैग रोड के निर्माण में हमारा सहयोग लिया था।