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नई दिल्ली, 24 जुलाई । आईपीओ से पहले अनलिस्टेड मार्केट में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के शेयरों की जबरदस्त मांग देखने को मिल रही है, जिससे कंपनी में रिटेल निवेशकों की संख्या बढ़कर 1.46 लाख हो गई है, जो कि किसी अन्य अनलिस्टेड कंपनी की अपेक्षा काफी अधिक है। एनएसई के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपोओ) को लेकर चर्चाएं लंबे समय से चल रही हैं और जल्द ही इसका पब्लिक इश्यू आने की संभावना है। बड़ी बात यह है कि एक्सचेंज के शेयरों की कीमतों में बड़ी वृद्धि के बावजूद खुदरा निवेशकों की दिलचस्पी बनी हुई है। इन 1.46 लाख निवेशकों के पास मौजूद एनएसई के शेयरों का मूल्य 2 लाख रुपए से कम है। पिछली तिमाही यह आंकड़ा 33,896 रिटेल निवेशकों का था, जो कि चार गुना की वृद्धि को दर्शाता है। एनएसई की वेबसाइट के मुताबिक, वर्तमान में 343 निवेशकों के पास ही 2 लाख रुपए से अधिक मूल्य के शेयर है।
पिछली तिमाही में यह आंकड़ा 354 था। एनएसई के 2 लाख रुपए से ज्यादा शेयर रखने वाले निवेशकों के पास अब कुल शेयर आपूर्ति का 11.81 प्रतिशत हिस्सा है। यह प्रतिशत पिछली तिमाही के 9.89 प्रतिशत से अधिक है। वहीं, जिन निवेशकों के पास 2 लाख रुपए से कम मूल्य के शेयर थे, उनकी कुल हिस्सेदारी में मामूली गिरावट देखी गई और यह 9.84 प्रतिशत (23.86 करोड़ शेयर) से घटकर 9.52 प्रतिशत (23.56 करोड़ शेयर) हो गई। रिटेल निवेशकों की अधिक भागीदारी में इस उछाल ने एनएसई के समग्र निवेशक आधार का तेजी से विस्तार किया है। रिटेल निवेशकों की अधिक मांग के कारण, एनएसई के गैर-सूचीबद्ध शेयर की कीमत 36 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 2,225 रुपए प्रति शेयर हो गई, जो कि अप्रैल 2025 में 1,650 रुपए थी। अनलिस्टेड मार्केट में वर्तमान शेयर मूल्य पर एनएसई का पूंजीकरण 5.7 लाख करोड़ है। अगर कंपनी सूचीबद्ध होती, तो इसका बाजार मूल्यांकन निफ्टी 50 में 8वें या 9वें स्थान पर होता। -- (आईएएनएस)