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पैरामेडिक्स के लिए रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में कार्यशाला, फस्र्ट टू रिस्पॉन्ड, फस्र्ट टू सेव...
05-Jul-2025 3:02 PM
पैरामेडिक्स के लिए रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल  में कार्यशाला, फस्र्ट टू रिस्पॉन्ड, फस्र्ट टू सेव...

थीम: "फर्स्ट टू रिस्पॉन्ड, फर्स्ट टू सेव"

रायपुर, रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे ने बताया कि 4 जुलाई 2025 को पैरामेडिक्स के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। यह वर्कशॉप C-ब्लॉक की 5वीं मंज़िल पर आयोजित की गई, जिसका विषय था “First to Respond – First to Save: Strengthening Skills & Competencies”। कार्यशाला में क्षेत्रभर के आपातकालीन चिकित्सा तकनीशियन (EMTs) और पैरामेडिक्स ने भाग लिया, जहां उन्हें हाथों-हाथ प्रशिक्षण और महत्वपूर्ण कौशलों का अभ्यास कराया गया।

डॉ. दवे ने बताया कि इस कार्यशाला का नेतृत्व रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे एवं आपातकालीन विभाग के प्रमुख डॉ. संतोष कुमार सिंह ने किया।
डॉ. सिंह ने कहा,
डॉ. दवे ने बताया कि “पहला रिस्पॉन्डर किसी भी आपातकालीन स्थिति में सबसे अहम भूमिका निभाता है। यदि वह सही तरीके से कार्य करता है, तो जीवन बचाने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल, रायपुर में हम यह सुनिश्चित करते हैं कि हर व्यक्ति जो सबसे पहले मरीज के संपर्क में आता है, वह पूरी तरह से प्रशिक्षित हो और सही समय पर सही निर्णय ले सके—क्योंकि इमरजेंसी कभी भी किसी के साथ भी हो सकती है।”

डॉ. दवे ने बताया कि इस अवसर पर डॉ. संदीप दवे ने कहा, “हर जीवन को बचाना हमारा मुख्य उद्देश्य है और हम इसी दिशा में निरंतर प्रयास करते रहेंगे।”

वर्कशॉप की मुख्य विशेषताएँ:

विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुत सत्र:

एक्यूट स्ट्रोक

मायोकार्डियल इन्फार्क्शन (MI)

CRTA और GCS मूल्यांकन

पेट दर्द की प्राथमिक जांच

साँप काटने के मामले का प्रबंधन

हेमोडायनामिक मॉनिटरिंग

विषाक्तता (ज़हर) के मामलों में प्रतिक्रिया
 



व्यावहारिक, सिमुलेशन आधारित कार्यशालाएँ:

मरीजों के स्थानांतरण की तकनीक

डिफिब्रिलेशन / कार्डियोवर्शन / पेसिंग

गर्दन की हड्डी को स्थिर करना और कॉलर लगाना

IO नीडल प्लेसमेंट

IV कैनुला लगाना

एयरवे मैनेजमेंट (OPA/NPA/ET ट्यूब इन्सर्शन)

ड्रेसिंग और प्लास्टर (कास्ट) लगाना

बेसिक लाइफ सपोर्ट (BLS)


दिनभर प्रतिभागियों ने व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्रों में सक्रिय भाग लिया, जहाँ उन्हें ट्रॉमा और आपातकालीन स्थितियों में जीवन रक्षक प्रक्रियाओं का अनुभव कराया गया। इस प्रशिक्षण ने न केवल तकनीकी कौशलों को बेहतर बनाया, बल्कि टीमवर्क, तेज निर्णय क्षमता और मरीज की सुरक्षा पर भी विशेष बल दिया।

कार्यशाला में पैरामेडिक्स, नर्सिंग स्टाफ और आपातकालीन विभाग के सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सभी ने गहराई से तैयार की गई प्रशिक्षण प्रक्रिया और प्रशिक्षकों की विशेषज्ञता की सराहना की। कार्यक्रम के अंत में प्रशस्ति पत्रों का वितरण किया गया और प्रतिभागियों से फीडबैक लिया गया, जिसमें अधिकांश ने भविष्य में भी ऐसी कार्यशालाओं में भाग लेने की इच्छा जताई।

यह आयोजन रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल की उस निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसके तहत वह छत्तीसगढ़ में आपातकालीन और ट्रॉमा केयर के स्तर को ऊँचा उठाने के लिए मेडिकल स्टाफ के कौशल विकास पर विशेष ध्यान देता है।
 


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