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नई दिल्ली, 2 जुलाई । वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान देश की कैप्टिव और वाणिज्यिक खदानों से कोयला उत्पादन पिछले वर्ष की इसी तिमाही के 39.53 मिलियन टन से 16.4 प्रतिशत बढ़कर 46.01 मिलियन टन हो गया। यह जानकारी कोयला मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों से मिली। सरकारी डेटा के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में इन खदानों से कोयले का डिस्पैच 13 प्रतिशत बढ़कर 51.63 मिलियन टन हो गया है, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 45.68 मिलियन टन था। लगातार तीसरे वर्ष कोयले के उत्पादन और डिस्पैच में तिमाही वृद्धि, बेहतर दक्षता और खनन क्षमता के बेहतर उपयोग को दर्शाती है। जून माह में कैप्टिव और वाणिज्यिक खदानों से कोयला उत्पादन 15.57 मिलियन टन (एमटी) और डिस्पैच 17.31 मिलियन टन (एमटी) रिकॉर्ड किया गया है।
सरकार ने बयान में बताया, "जून में उत्कल ए खदान के लिए खदान खोलने की अनुमति प्रदान की गई, जिसकी अधिकतम निर्धारित क्षमता 25 मीट्रिक टन है।" साथ ही तीन कोयला ब्लॉकों के लिए स्वामित्व आदेश जारी किए गए, जिससे कोयला मंत्रालय द्वारा आवंटित कोयला ब्लॉकों की कुल संख्या 200 से अधिक हो गई। यह वृद्धि बिजली उत्पादन, इस्पात निर्माण और सीमेंट उत्पादन जैसे प्रमुख उद्योगों को कोयले की विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित करती है, जिससे भारत के औद्योगिक ढांचे की रीढ़ मजबूत होती है। ये उपलब्धियां मंत्रालय के केंद्रित प्रयासों को रेखांकित करती हैं। कोयला मंत्रालय ने अपने बयान के अंत में कहा, "घरेलू कोयला उत्पादन को बढ़ाना, एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण योगदान देना है।" इससे पहले केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा था कि कोल एक्सप्लोरेशन वैल्यू चेन के एंड-टू-एंड डिजिटलीकरण को प्राप्त करने की दिशा में कोयला मंत्रालय सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम वेब पोर्टल पर एक्सप्लोरेशन मॉड्यूल लॉन्च करने के लिए तैयार है। केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी द्वारा सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड (सीएमपीडीआईएल) के माध्यम से 4 जुलाई को लॉन्च किए जाने वाले इस मॉड्यूल से अलॉटी को उनके एक्सप्लोरेशन प्रपोजल ऑनलाइन सबमिट करने की सुविधा मिलेगी, जिसे फिर मंत्रालय द्वारा इंटीग्रेटेड सिस्टम के माध्यम से प्रोसेस और अप्रूव किया जाएगा। -- (आईएएनएस)