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रायपुर, 30 जून। व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वाइस चेयरमेन अमर पारवानी, प्रदेश एक्सक्यूटिव चेयरमेन जितेन्द्र दोशी, प्रदेश अध्यक्ष परमानंद जैन, प्रदेश महामंत्री सुरिंदर सिंह एवं प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि आज दानवीर श्री भामाशाह की जयंती को कैट ने राष्ट्रीय व्यापारी दिवस के रूप में पूरे प्रदेश में मनाया गया। इसी कड़ी में आज कैट के प्रदेश कार्यालय में दानवीर श्री भामाशाह की जयंती को राष्ट्रीय व्यापारी दिवस के रूप में मनाया गया। उपरोक्त कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कैट के राष्ट्रीय वाइस चेयरमेन अमर पारवानी थे।
श्री पारवानी ने बताया कि हम सभी व्यापारी इस मंच पर दानवीर श्री भामाशाह की 478वीं जयंती मना रहे है। उन्होनें आगे बताया कि भामाशाह (1547-1600) बाल्यकाल से मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप के मित्र, सहयोगी और विश्वासपात्र सलाहकार थे। जब एक समय में महाराणा प्रताप अपना किला हार गए थे। इस समय महाराणा प्रताप अपने परिवार के साथ जंगल मे रह रहे थे। तब भामाशाह ने अपनी मातृभूमि की रक्षा करने के लिए भामाशाह ने अपनी सारी धन दौलत महाराणा प्रताप को दे दी थी।
श्री पारवानी ने बताया कि इसके बाद महाराणा प्रताप ने एक नया सैन्य सगठित किया। सैन्य पूरी तरह तैयार होने के बाद महाराणा प्रताप ने फिर से अपना गंवाया हुआ राज्य पर हमला किया और मुगलो को हरा के वापस लिया। इस दरमियान भामाशाह जीवन में दानवीर के रूप में लोगो के दिलो में बस गए। भामाशाह इस दानवीरता के कारण इतिहास में अमर हो गए। करोना काल के जिस दौर से हम सभी व्यापारी गुजरे है, उसे भुलाना शायद मुश्किल है। उस कठिन समय में हम सभी व्यापारी ने अपने देश के लिए जो बना पड़ा वो सहयोग किया। उस समय को याद करते हुए आज मुझे हर व्यापारी मे दानवीर श्री भामाशाह नजर आता है।
श्री पारवानी ने बताया कि जितेन्द्र दोशी, परमानन्द जैन, सुरिन्द्रर सिंह, भरत जैन, कैलाश खेमानी, मनमोहन अग्रवाल, शंकर बजाज, जयराम कुकरेजा एवं अन्य मौजूद थे।