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बालकोनगर, 31 मई। बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक राजेश कुमारने बताया कि वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको)नेअंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर द एनिमल केयर ऑर्गेनाइजेशन (टाको) के सहयोग से आस-पास के गांवों में जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस वर्ष कीथीम‘प्रकृति के साथ सौहार्द और सतत विकास’ के अनुरूपइन कार्यक्रमों का उद्देश्य समुदाय को वन्यजीव व्यवहार, संघर्ष निवारण और जैव विविधता संरक्षण के प्रति जागरूक तथा प्रकृति के साथ सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व की भावना को प्रोत्साहित करना था।
श्री कुमार ने बताया कि कोरबा के वन क्षेत्रों में पाए जाने वाले स्लॉथ बियर (भालू की एक प्रजाति) के संरक्षण पर केंद्रितसत्र काआयोजन किया गया। जानवरों के व्यवहार को समझाकर मानव तथा वन्यजीव संघर्ष को कम करने के तरीकों को साझा किया गया, जिसमें 300 से अधिक सदस्यों एवं स्कूली बच्चों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से व्यावहारिक परिदृश्य को दर्शाते हुएलोगों को वन्यजीवसंरक्षण हेतु संवेदनशील और सुरक्षित व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। कहानी और क्विज़ के माध्यम से पारिस्थितिकी तंत्र बनाए रखने और स्थानीय वन्यजीवों के संरक्षण के लिए प्रेरित किया गया।
श्री कुमार ने बताया कि कार्यक्रम में जिला वन और पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे, जिन्होंने स्थानीय जैव विविधता पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की और वन-आश्रित क्षेत्रों के निवासियों में पर्यावरणीय जिम्मेदारी को प्रोत्साहित किया।इस पहल को स्थानीय पंचायत सदस्यों, पर्यावरणविदों और एनजीओका भी सहयोग मिला।
श्री कुमार ने बताया कि जैव विविधता संरक्षण के प्रति अपनी निरंतर प्रतिबद्धता के तहतबालकोने सोशल रिवाइवल ग्रुप ऑफ अर्बन, रूरल एंड ट्राइबल (श्रोत) के साथ साझेदारी में कई कार्यक्रम आयोजित किये हैं। इनमें नियमित सामुदायिक स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण और पशु कल्याणशामिल हैं, जिसका उद्देश्य स्थानीय पारिस्थितिक तंत्र को पुनर्स्थापित करने और बनाए रखनेमें समुदाय-आधारित प्रयासों को प्रोत्साहित करना है।
श्री कुमार ने बताया कि बालकोमें हमारा मानना है किवास्तविक प्रगति औद्योगिक विकासऔरपर्यावरणीय उत्तरदायित्व के संतुलन में निहित है। अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर हमारी सामुदायिक भागीदारी की पहल हमारे इस संकल्प को मजबूत करती हैं कि हम स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करें और वन्यजीवों के साथ सह-अस्तित्व को बढ़ावा दें। श्री कुमार ने बताया कि हम ‘शून्य हानि’, सतत विकास और राष्ट्र निर्माण के दृष्टिकोण के साथ अपने प्रयासों को आगे बढ़ा रहे हैं।पर्यावरणविद् दिनेश दीक्षित ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि जंगल से लगे क्षेत्रों में जैव विविधता के संरक्षण में समुदाय की भागीदारी बेहद महत्वपूर्ण है। बालकोजैसी पहल सराहनीय हैं क्योंकि ये वैज्ञानिक जागरूकता और स्थानीय कार्यवाही के बीच सेतु का काम करती हैं।