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भारतीय व्यापारी नेताओं ने तुर्की और अजरबैजान संग व्यापार बहिष्कार का लिया बड़ा निर्णय-अमर
20-May-2025 2:56 PM
भारतीय व्यापारी नेताओं ने तुर्की और अजरबैजान संग व्यापार बहिष्कार का लिया बड़ा निर्णय-अमर

रायपुर, 20 मई। व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के  राष्ट्रीय वाइस चेयरमेन अमर पारवानी, प्रदेश अध्यक्ष परमानन्द जैन, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि आज राजधानी दिल्ली में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन में देशभर से आए 125 से अधिक शीर्ष व्यापारिक नेताओं ने सर्वसम्मति से संकल्प लिया।

श्री पारवानी ने बताया कि भारत का व्यापारिक समुदाय तुर्की और अजऱबैजान के साथ हर प्रकार के व्यापार एवं व्यावसायिक संबंधों का पूर्ण बहिष्कार करेगा, जिसमें यात्रा और पर्यटन भी शामिल है। व्यापारिक समुदाय ने भारतीय फिल्म उद्योग से भी अपील की है कि वे तुर्की और अजऱबैजान में किसी भी प्रकार की फिल्म की शूटिंग न करें, और यदि कोई फिल्म वहाँ शूट होती है, तो व्यापार जगत और आम जनता ऐसे फिल्मों का बहिष्कार करेगी। सम्मेलन में यह भी निर्णय लिया गया कि कोई भी कॉरपोरेट हाउस तुर्की और अजऱबैजान में अपने उत्पादों के प्रमोशन की शूटिंग नहीं करेगा।

 

श्री पारवानी ने बताया कि इस सम्मेलन में देश के 24 राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए उन सभी ताकतों का सख्ती से विरोध करने का संकल्प लिया जो भारत के खिलाफ खड़ी हैं। यह प्रस्ताव तुर्की और अजऱबैजान द्वारा हाल ही में पाकिस्तान के पक्ष में खुले समर्थन के संदर्भ में पारित किया गया है, जब भारत एक संवेदनशील और गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा संकट से गुजर रहा है। व्यापारिक समुदाय का मानना है कि यह भारत के साथ एक प्रकार का विश्वासघात है, विशेष रूप से उस मानवीय एवं कूटनीतिक सहायता को देखते हुए जो भारत, और विशेषकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, ने संकट के समय इन देशों को प्रदान की थी।

श्री पारवानी ने बताया कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि तुर्की और अजऱबैजान, जिन्होंने भारत की सद्भावना, सहायता और रणनीतिक समर्थन का लाभ उठाया, आज पाकिस्तान का साथ दे रहे हैं - जो विश्व स्तर पर आतंकवाद के समर्थन के लिए जाना जाता है। उनका यह रुख भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों पर आघात है और साथ ही 140 करोड़ भारतीयों की भावनाओं का भी अपमान है। तुर्की द्वारा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बार-बार भारत विरोधी बयान देना और पाकिस्तान की बात का समर्थन करना अस्वीकार्य है, जबकि अजऱबैजान का तुर्की के साथ खड़ा होना और पाकिस्तान के पक्ष में सार्वजनिक बयान देना भारत की दोस्ती और सहयोग के प्रति अनादर दर्शाता है।


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