कारोबार

देशभर के व्यापारी नेताओं की बैठक 16 मई को
रायपुर, 11 मई। कैट के राष्ट्रीय वाइस चेयरमेन अमर पारवानी ने ऑनलाइन कंपनियों जैसे ई- कॉमर्स, क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स अमेजन, फ्लिपकार्ट, ब्लिंकिट, इंस्टामार्ट, ज़ेप्टो, स्विगी आदि पर प्रत्येक् विदेशी निवेश (एफडीआई) के ज़रिए प्राप्त धन का दुरुपयोग लगाने का आरोप लगते हुए कहा है की इससे ये कम्पनियाँ सामान आपूर्तिकर्ताओं पर अपना नियंत्रण रखते हुए इन्वेंटरी पर प्रभुत्व और सामान के मूल्यों के निर्धारण में मनमानी कर रही हैं।
श्री पारवानी ने बताया कि उनका एकमात्र उद्देश्य गली - मोहल्लों की छोटी किराना एवं अन्य सामान की दुकानों को खत्म कर उनके बाज़ार पर कब्जा करना है। ई-कॉमर्स की विदेशी कंपनियों की तरह ये कंपनियां क्विक कॉमर्स के ज़रिए भारतीय खुदरा बाज़ार को तबाह करने पर तुली हुई हैं। पारवानी ने कहा कि ऐसी व्यापारिक रणनीतियों के ज़रिए ये कंपनियाँ प्रतिस्पर्धा को धता बताते हुए एक असमान बाजार बनाती हैं, जहां देश भर में लगभग 3 करोड़ से अधिक किराना दुकानों का टिक पाना लगभग असंभव हो गया है।
श्री पारवानी ने बताया कि कैट उपरोक्त ऑनलाइन कंपनियों के विरोध में राष्ट्रीय स्तर पर आगामी 16 मई को नई दिल्ली में देश भर के व्यापारी नेताओं के साथ बैठक करके ऑनलाइन कंपनियों से अपने व्यापारियों को बचाने हेतु व्यापक अभियान शुरू करने जा रहा है।