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रायपुर, 13 अप्रैल। मार्क हॉस्पिटल, सरकंडा, बिलासपुर केडायरेक्टर और वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट डॉ. कमलेश मौर्य ने को नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन्स द्वारा यूरोलॉजी कोर्स संचालन की मान्यता प्राप्त हुई है।
डॉ. मौर्य ने बताया कि एम्स रायपुर के बाद यह छत्तीसगढ़ का पहला एवं मध्यभारत का तीसरा अस्पताल है जिसे यह मान्यता मिली है। यह केवल एक उपलब्धि नहीं, बल्कि राज्य की चिकित्सा के क्षेत्र में प्रतिष्ठा का राष्ट्रीय स्तर पर उद्घोष है। यूरोलॉजी कोर्स 3 साल का होता है जिसे पोस्ट ग्रेजुएशन (एमएस) करने के बाद किया जा सकता है। इस कोर्स के माध्यम से स्टूडेंट्स को यूरोलॉजी विशेषज्ञ होने का दर्जा प्राप्त होता है।
डॉ. मौर्य ने बताया कि मार्क हॉस्पिटल के इस अवसर पर कहा: हम वर्षों से केवल इलाज कर रहे थे, अब हम भविष्य के डॉक्टर्स भी तैयार करेंगे। हमारा सपना था कि छत्तीसगढ़ मेडिकल एजुकेशन और इलाज दोनों का सबसे बड़ा सेंटर बने। डॉ. मौर्य ने इसे छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए एक अवसर बताया — अब उन्हें सुपर स्पेशलिटी की पढ़ाई के लिए महानगरों में भटकना नहीं पड़ेगा। ष्ठहृक्च जैसे कठिन और उच्च स्तर के कोर्स को अब बिलासपुर में ही किया जा सकेगा।
डॉ. मौर्य ने बताया कि मार्क हॉस्पिटल यूरोलॉजी एवं सर्जरी के क्षेत्र में पहले भी अग्रणी रहा है। यहां अत्याधुनिक उपकरणों के साथ स्टेट-ऑफ़-दी-आर्ट ऑपरेशन थिएटर्स की सुविधा उपलब्ध है जिसमें विभिन्न तकनीकों जैसे लेजऱ, हॉल्मियम लेजऱ आदि के द्वारा मिनिमल इनवेसिव सर्जरी यानी छोटे चीरे या बिना चीरे के ऑपरेशन संभव है।
डॉ. मौर्य ने बताया कि यह वे सारी सुविधाएं हैं जिनके लिए पहले मरीज़ों को महानगरों में जाना होता था। मार्क हॉस्पिटल ने अपना सफर 30 बिस्तरों के अस्पताल से किया था जो अब 100 से अधिक बिस्तरों के अस्पताल में परिवर्तित हो चुका है। मार्क हॉस्पिटल में ऑर्गन ट्रांसप्लांट सोसाइटी के द्वारा किडनी ट्रांसप्लांट की अनुमति भी दी गयी है।