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रायपुर, 28 फरवरी। कैट ने बताया कि देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि अमेजऩ द्वारा भारतीय कानूनों की बार-बार अवहेलना किए जाने के एक और मामले में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजऩ पर बेवरली हिल्स पोलो क्लब ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने के लिए 39 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया है।
कैट ने बताया कि यह फैसला तब आया जब अमेजऩ इंडिया प्लेटफॉर्म पर इसी ब्रांड के समान लोगो वाले वस्त्रों की बिक्री पाई गई, जिससे कंपनी के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट के उल्लंघन का मामला बना है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अमेजऩ (्रर्रूंहृ.ह्र) की एक इकाई को ’39 मिलियन डॉलर का हर्जाना भरने का आदेश दिया है, क्योंकि बेवरली हिल्स पोलो क्लब ट्रेडमार्क वाले समान ब्रांडिंग के वस्त्र अमेजऩ के भारत प्लेटफॉर्म पर बेचे जा रहे थे।
कैट ने बताया कि इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को कड़े ट्रेडमार्क अनुपालन उपायों को लागू करने और ब्रांड की अखंडता की रक्षा करने की सख्त आवश्यकता है। इस निर्णय का भारत में संचालित ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा और यह रेखांकित करेगा कि प्लेटफॉर्म्स को नकली और अवैध उत्पादों की बिक्री के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा।
कैट ने बताया कि यह निर्णय ब्रांड मालिकों के लिए एक बड़ी जीत है और डिजिटल युग में भारतीय न्यायपालिका की बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अमेजऩ का कानूनी उल्लंघनों का एक लंबा इतिहास रहा है, जिसमें नकली उत्पादों की बिक्री, कर चोरी, और भारत के ई-कॉमर्स नियमों का उल्लंघन शामिल है। बार-बार चेतावनियों और कानूनी कार्रवाई के बावजूद, यह प्लेटफॉर्म छोटे व्यवसायों का शोषण करने, उपभोक्ताओं को गुमराह करने और भारतीय कानूनों की अवहेलना करने में लिप्त रहा है।
कैट ने बताया कि यह ताजा न्यायालय का निर्णय अमेजऩ की गैर-जिम्मेदार व्यावसायिक प्रथाओं और प्रभावी अनुपालन उपायों को लागू करने में विफलता का प्रमाण है।