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रायपुर, 9 अक्टूबर। साईं बाबा आई हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. अशीश मोहबिया ने बताया कि साईं बाबा आई हॉस्पिटल ने आज आधुनिक चिकित्सा जगत में एक महत्वपूर्ण क़दम उठाते हुए अपनी नई मशीन का उद्घाटन किया। यह मशीन 2024 का नवीनतम मॉडल है और इसे विशेष रूप से आँखों की सुरक्षा के लिए तैयार किया गया है।
डॉ. मोहबिया ने बताया कि इसके माध्यम से चश्मे का नंबर हटाने की प्रक्रिया अब पूरी तरह से *स्पर्श एवं दर्द रहित* होगी। यह छत्तीसगढ़ में अपनी तरह की पहली तकनीक है.पिछले 25 सालो में डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम के नेतृत्व में साईं बाबा आई हॉस्पिटल ने अपनी तकनीकी उन्नति के साथ चिकित्सा के क्षेत्र में नया मानदंड स्थापित किया है। हॉस्पिटल की नई लेजऱ मशीन टोपो गाइडेड लेसिक तकनीक से सुसज्जित है,यह अत्याधुनिक मशीन आँखों की सतह का सही नक्शा बनाती है।
डॉ. मोहबिया ने बताया कि इस मशीन को और भी अन्य मशीन के नामों से जाना जाता हैं. जैसे कि कस्टम-आई,कंटूरा विजनयह तकनीक मरीज़ों को उच्च गुणवत्ता वाली दृष्टि प्राप्त करने में मदद करती है। उन मरीज़ों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, जिनकी आँखों में अनियमितता या अन्य जटिल समस्याएँ होती हैं।टोपो गाइडेड लेसिक तकनीक उन मरीज़ों के लिए भी बेहद फायदेमंद है जिनकी आँखों में माइनस नंबर के कारण पुतली कमजोर होने कि संबंधित समस्याएं होती हैं।
डॉ. मोहबिया ने बताया कि पारंपरिक सर्जरी में, आँखों पर अधिक दबाव पड़ता था जिससे रेटिना पर अनावश्यक तनाव आ सकता था। यह दबाव रेटिना को कमज़ोर बना सकता था और इससे भविष्य में समस्याओं की संभावना बढ़ जाती थी। साईं बाबा आई हॉस्पिटल की यह नई मशीन रेटिना के लिए बिल्कुल सुरक्षित है क्योंकि इसमें आँखों पर बिना किसी दबाव के सुरक्षित और आरामदायक सर्जरी की जाती है।