कारोबार

सीसीआरटी कार्यशाला में आठ सदस्यीय दल
रायपुर, 1 सितंबर। सांस्कृतिक संसाधन एवं प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी) हैदराबाद में नई शिक्षा नीति 2020 अंतर्गत शिक्षा में पुतली कला की भूमिका विषय पर 15 दिवसीय कार्यशाला आयोजित की जा रही है। जिसमे छग, झारखण्ड, बिहार, हरियाणा, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश आदि राज्यों के प्राथमिक शिक्षक सहभागी है।
सत्र के तृतीय दिवस छग की टीम ने छग प्रदेश की संस्कृति, परम्परा, पर्यटन, बस्तर दशहरा, तीज-त्यौहार, खान-पान, वेशभूषा और लोक गीतों की आकर्षक प्रस्तुतियाँ दी गई। प्रदर्शनी में ठेठरी, खुरमी, अइरसा, खाजा, बताशा, लाई, करी लाडू, तीली लाडू, कटवा आदि पकवान तथा अक्ति पुतरी पुतरा बिहाव, पोरा - जांता, गेंड़ी, नयाखानी, भोजली, मांगरोहन, सीक, पिल्ली, करसा, पर्रा, टुकनी, सूपा, झेझरी, मउहा पान अउ पतरी, मंड़वा आदि की प्रदर्शनी लगाई। जिसका विभिन्न राज्यों से आये हुए प्रतिनिधियों ने देखकर छग की संस्कृति को करीब से जाना और प्रदर्शन भूरी - भूरी प्रशंसा की। इस दौरान छग राजगीत, सुआ, पंथी, राऊत नाचा, बस्तारिया गीत आदि की रंगारंग प्रस्तुति दी गई सीसीआरटी सेंटर हैदराबाद के डाइरेक्टर चंद्रशेखर, कार्यशाला के कोर्डिनेटर सौंदर्या कौशिक, प्रवीण ने छग की टीम को शानदार प्रस्तुति के लिए बधाई दी।
छग की टीम में अमित प्रजापति (बालोद), नीलमणी साहू (जगदलपुर), नानू यादव (रायगढ़), रंजीता राज (सक्ति), हिरोंदा कोर्राम (कांकेर), कविता कोरी (बिलासपुर), पद्मजा गुप्ता(गरियाबंद), श्रद्धा शर्मा (रायपुर) सम्मिलित है।