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रायपुर, 13 जून। कैट ने बताया कि कैट के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी के नेतृत्व में कैट का एक प्रतिनिधि मंडल वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी से मुलाकात कर जीएसटी से संबधित नोटिस एवं ई-वे बिल से संबधित सुझाव का ज्ञापन सौपा गया।
कैट ने बताया कि वर्तमान समय में जीएसटी विभाग से जीएसटी से संबंधित लगभग सभी व्यापारी को नोटिस आ रही हैं, जो कि ईज़ ऑफ़ डूइंग व्यापार के विपरीत है तथा साथ ही साथ इससे व्यापारी एवं सलाहकार को चुनौतियां का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर केन्द्रीय जीएसटी द्वारा सिफऱ् 10 से 15 प्रतिषत व्यापारियों को नोटिस दिया जा रहा है। तथा इनकम टैक्स के अंतर्गत भी सिफऱ् 5 प्रतिषत ही व्यापारियों को नोटिस दिया जा रहा है। जो कि न्यायोचित नहीं है।
कैट ने बताया कि इनकम टैक्स या केन्द्रीय जीएसटी विभाग के समान सिफऱ् 10 से 15 प्रतिषत व्यापारियों को जीएसटी के अंतर्गत विभाग द्वारा नोटिस जारी किया जाये। राज्य के विभिन्न जिलों के व्यापारियों को जीएसटी विभाग द्वारा वर्तमान में जीएसटीआर-1 फॉर्म देर से दाखिल करने के हेतु जुर्माना नोटिस जारी किया गया है। साथ ही विभाग द्वारा अन्य नोटिस व्यापारियों को दिया जा रहा है।
कैट ने बताया कि विभाग द्वारा अचानक किये गए इस कार्यवाही से व्यापारियों में भय का माहौल है जिसके कारण उन्हें आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड रहा है। जबकि व्यापारिक समुदाय हमेशा सरकार को उसके कर संग्रह लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने में सहयोगी रहा है और नियमों के पूर्ण अनुपालन के लिए प्रयासरत है। व्यापारियों को जीएसटी विभाग द्वारा जारी जुर्माना नोटिस को स्वत: निरस्त किया जाना चाहिए।
कैट ने बताया कि महोदय पूर्व में शासन द्वारा इज ऑफ डूइंग बिजनेस के ध्येय को प्राप्त करने के लिए 19 जून 2018 को जारी अधिसूचना क्रमांक एफ 10-31/2018 /वाक/पाँच (46) के तहत अभी तक राज्य मे जिले के भीतर माल परिवहन करने पर ई -वे बिल जारी करना आवश्यकता नहीं था। श्री चौधरी ने ज्ञापन का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया तथा इस विषय पर टीम कैट को सकारात्मक आश्वासन दिया।