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रायपुर, 3 मई। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ने बताया कि शिक्षाविद सेवा प्रभाग द्वारा बच्चों के नैतिक एवं आध्यात्मिक उत्थान के लिए शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में आयोजित समर कैम्प का शुभारम्भ इन्दिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चन्देल, आंजनेय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. टी. रामाराव, रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी और ब्रह्माकुमारी अदिति दीदी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया।
विश्वविद्यालय ने बताया कि इन्दिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चन्देल ने कहा कि पहले घर में माता-पिता और बुजुर्गों से जो शिक्षा मिलती थी वह आज नहीं मिल पा रही है। नैतिक शिक्षा के अभाव में हम बच्चों को भविष्य में मिलने वाली असफलता के लिए तैयार नहीं कर पा रहे हैं। फलस्वरूप बच्चे अपने जीवन को ही समाप्त कर लेते हैं। वर्चुअल शिक्षा पर ज्यादा निर्भर होने के कारण परिवार में वैचारिक लेन-देन का अभाव सा हो गया है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रतिस्पर्धा के युग में टिके रहने के लिए आशा और निराशा दोनों का सामना करने की शक्ति हमारे अन्दर होनी चाहिए। इसलिए पारम्परिक शिक्षा पद्घति में नैतिक शिक्षा को शामिल करने की जरूरत है। आंजनेय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. टी. रामाराव ने कहा कि जीवन में अनेक समस्याएं आएंगी किन्तु उन चुनौतियों से घबराकर दूर नही भागना है। बल्कि उनका सामना कर आगे बढऩा है। तभी हम सफल कहलाएंगे। उन्होंने बतलाया कि घड़ी को अंग्रेजी में वाच कहते हैं। इसका एक-एक शब्द हमें शिक्षा देता है।
विश्वविद्यालय ने बताया कि पहला शब्द है डब्लू जो कि हमें बतलाता है कि वाच युअर वर्ड अर्थात अपने शब्दों पर ध्यान दो। सबसे मीठा बोलो। कटु वचन न बोलो। फिर है -ए शब्द जो कहता है कि वाच युअर एक्शन अर्थात अच्छे कर्म करो। फिर आता है -टी शब्द जो कहता है कि वाच युअर थॉट्स। सदैव सबके लिए शुभ सोचो। फिर है सी अर्थात वाच युअर कैरेक्टर। हमारा व्यवहार ठीक हो।
उन्होंने बताया कि अन्त में है-एच शब्द जो कहता है कि वाच युअर हार्ट अर्थात इस जगत में जितने प्राणी हैं उन सबके साथ प्रेम से रहना।