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रायपुर, 1 जून। एनएचएमएमआई नारायणा के मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. सिद्धार्थ तुरकर ने बताया कि नो टोबैको डे अपने आप ये बताता है की आप को तम्बाकू या उससे सम्बंधित पदार्थों से दूर रहना चाहिए, यहाँ तक की तम्बाकू सेवन से कर्क रोग होता है - ये चेतावनी सभी तम्बाकू पदार्थों के पैकेट में लिखी होती है फिर भी लोग इसे नजऱअंदाज़ कर धड़ल्लेे से तम्बाकू का किसी न किसी माध्यम से सेवन करते है। विषेशकर युवा इसे अपनी जीवनशैली में शामिल कर लेते है। तबाकू में करीब पांच सौ तरीके के हानिकारक तत्व होते हैं जिनमें से 50 ऐसे हैं जिन्हें हम कार्सिनोजन कहते है।
डॉ. तुरकर ने बताया कि जिस दिन से आप तम्बाकू पदार्थों का सेवन करते है उसी दिन से तम्बाकू अपना प्रवभाव करने लगता है। इससे न केवल कैंसर बल्कि ह्रदय रोग, किडनी रोग, पेट से सम्बंधित अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। डॉ. तुरकर के अनुसार गावों के साथ शहर के भी लोग अपनी व्यस्त जीवनशैली के कारण कैंसर के शुरुआती लक्षणों में ध्यान नहीं देते जिससे बीमारी बहुत बढ़ जाती है और इलाज जठिल हो जाता है। तम्बाकू सेवन से होने वाला मुँह का कैंसर थोड़ी सावधानी से सही समय पर पहचान कर ठीक किया जा सकता है। कैंसर के बढ़ते मरीजों में युवा मरीज भी बहुत बढ़ रहे है जिसे हम थोड़े से प्रयास से कम कर सकते है।
रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. पीयूष शुक्ला ने बताया की कैंसर पदार्थों के सेवन को रोकने के लिए जो नीतियां बनी है उसमें अमल सही तरह से नहीं हो रहा, अत: इसमें संसोधन की जरुरत है। डॉ. पीयूष के अनुसार तम्बाकू सेवन से मुंह और गले के कैंसर के आलावा अन्य 18 कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। मुंह और गले के कैंसर के लगभग 70 प्रतिशत मरीजों में रेडिएशन की जरुरत पड़ती है या तो सर्जरी के बाद, कीमोथेरेपी के बाद या साथ में मरीज और कैंसर के स्टेज के आधार पर इसे दिया जाता है। स्टेज-3 और स्टेज-4 के कैंसर के लगभग सभी मरीजों को रेडिएशन की आवश्यकता पड़ती है।
सीनियर कैंसर सर्जन डॉ. मौ रॉय तम्बाकू में कार्सिनोजेन निकोटीन होता जिसके कारण ही व्यक्ति को इसकी लत लग जाती है और लगातार सेवन करने से मुँह और गले में कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। 80- 90 प्रतिशत मुंह और गले के कैंसर रोगियों में तंबाकू उत्पादों के सेवन की आदत पायी गयी है।
डॉ. रॉय ने बताया कि भारत में 30 प्रतिशत कैंसर तंबाकू के सेवन से होता है, इसलिए यदि हम कड़े कानून और कोटपा अधिनियम का सख्ती से पालन करते हैं तो हमारे इस प्रयास से हम भारत में होने वाले कैंसर के मामलों 30 प्रतिशत तक कम कर सकते है । जिन्ह लोगो को तंबाकू के सेवन की आदत हैं, उन्हें आईने में समय , समय पर जीभ, मसूढ़ों, गालों, तालू और गर्दन के सभी भागो को देखकर उनकी जांच करनी चाहिए और निम्न लक्षण मिलने पर तुरंत कैंसर विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
5 जून तक नि:शुल्क कैंसर परामर्श शिविर
शिविर में सभी कैंसर रोगियों को प्रथम परामर्श पर डॉ मौ रॉय (सीनियर कैंसर सर्जन) डॉ. सिद्धार्थ तुरकर (मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट), डॉ. पीयूष शुक्ला (रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट) की सेवाएं सुबह 10 से 3 बजे तक प्राप्त की जा सकती है। शिविर में मरीज विशेष कैंसर पैकेज का लाभ भी मात्र 999 में ले सकते हैं। अधिक जानकारी एवं अपॉइंटमेंट के लिए 9669911911 से संपर्क करें।


