कारोबार
रायपुर, 30 मई। रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरख मालू ने बताया कि पूरे देश के कारोबारी 20 कैरेट गोल्ड ज्वेलरी को हॉलमार्क की मान्यता देने की मांग को लेकर केंद्रीय उपभोक्ता मंत्री पीयूष गोयल से लगातार पत्र व्यवकार कर चुके हैं जिसमें रायपुर सराफा एसोसिएशन भी शामिल हैं।
20 कैरेट गोल्ड ज्वलेरी को जल्द से जल्द हॉलमार्किंग की मान्यता देने की मांग की हैं। उन्होंने इस दौरान कहा हैं कि 20 कैरेट गोल्ड ज्वलेरी की आज भी ज्यादा मांग है और यह आम आदमी की बजट में सबसे कम में आने वाली गोल्ड ज्वेलरी हैं।
अध्यक्ष मालू, पवन अग्रवाल, लक्ष्मीनारायण लाहोटी, प्रहलाद सोनी व अनिल कुचेरिया ने बताया कि ज्वेलरी क्रॉफ्टिंग के लिए 20 कैरेट सबसे अच्छा हैं क्योंकि यह न तो 14 और 18 ग्रेड के समान कठिन है और न ही 22 कैरेट के रुप में बहुत नरम, यह केवल विदेशों में उपलब्ध उच्च तकनीक का उपयोग करके तैयार किया जा सकता है जबकि भारत के विशेष रुप से शिल्पकारों ने अपने परामर्श से गोल्ड ज्वेलरी हैंडक्राफ्ट की कला विरासत में ली है इसे 20 कैरेट सोने के मिश्र धातु का उपयोग करके विकसित किया है इसमें गोल्ड की 83.3 प्रतिशत शुद्धता होती हैं।
श्री मालू ने बताया कि अधिकांश भारतीयय आभूषा छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में कारीगरों द्वारा तैयार किया जाता हैं। श्री मालू ने कहा कि अगर केंद्र सरकार जल्द से जल्द 20 कैरेट ज्लेवरी को फिर से मान्यता नहीं देती हैं तो करोड़ों कारीगर बेरोजगार हो जाएंगे। वहीं 20 कैरेट गोल्ड ज्वेलरी की मांग पूरे देश के साथ ही छत्तीसगढ़ में के लोगों में ज्यादा रहती है।
श्री मालू ने बताया कि यह ज्वलेरी अत्यधिक मजबूत होने के साथ ही कम वजन में बन जाते हैं और अत्यधिक मजबूत होने के कारण आम लोग इसे ज्यादा बनवाते हैं। वहीं श्री मालू ने केंद्र सरकार द्वारा हॉलमार्किंग की अनिर्वायता का स्वागत किया हैं। श्री मालू ने कहा कि केंद्र सरकार ने 15 जून से ज्वैलरी बेचने की नई व्यवस्था के लिए एक समिति बनाई है और यह समिति रोजाना की ज्वेलर्स कारोबारियों की समस्याओं को सुन भी रहा हैं।


