बिलासपुर

जिले में 10 नए कोरोना संक्रमित मिले, फिर एक ने तोड़ा दम, वैक्सीनेशन ठप
03-Jul-2021 11:47 AM
जिले में 10 नए कोरोना संक्रमित मिले, फिर एक ने तोड़ा दम, वैक्सीनेशन ठप

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 3 जुलाई। जिले में कोविड के 10 नए संक्रमित मिले हैं।  एक कोरोना संक्रमित मरीज की फिर मौत हुई है। मौत का सिलसिला फिर से शुरू हो गया। हालांकि पहले के मुकाबले जिले में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में चल रही है।

मिले संक्रमितों में से आठ मरीज शहरी क्षेत्र के रहने वाले हैं। कोटा व मस्तूरी से एक-एक संक्रमित मिले हैं। जो मरीज मिल रहे हैं, उनमें ज्यादातर में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं। उनकी स्थिति सामान्य बनी हुई। शुक्रवार को शहरी क्षेत्र के अंतर्गत सरकंडा, मंगला, रेलवे परिक्षेत्र, हेमूनगर आदि क्षेत्र में मामले सामने आए हैं। इधर, संक्रमण काबू में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अपना पूरा ध्यान कोरोना की तीसरी लहर से निपटने पर लगा रहा है। सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन ने बताया कि तीसरी लहर के लिए टीम तैयार है। व्यवस्था भी कर ली गई हैं। उन्होंने तीसरी लहर से सुरक्षित रहने के लिए टीकाकरण पर जोर दिया है।

कोरोना को लेकर एक राहत की खबर यह है कि अब सिम्स में भी भर्ती कोरोना संक्रमितों की संख्या कम हो चुकी है। मौजूदा स्थिति में यहां कोरोना वार्ड में सिर्फ एक मरीज भर्ती है। वहीं संभागीय कोविड अस्पताल में बीते 20 दिनों से खाली चल रहा है। होम आइसोलेशन में उपचार कराने वाले मरीजों की संख्या भी घट गई है। मौजूदा स्थिति में जिले में 42 मरीजों का उपचार घर में किया जा रहा है। सभी की हालत सामान्य चल रही है। आने वाले एक सप्ताह के भीतर सभी के स्वस्थ होने की संभावना है।

फिर टीके की कमी, सिर्फ 842 का वैक्सीनेशन

एक बार फिर टीके की कमी की वजह से टीकाकरण अभियान पटरी से उतर गया है। शुक्रवार को जिले के सिर्फ दो केन्द्रों में टीका लगाया गया, जबकि 382 केन्द्रों को बंद रखा गया। मौजूदा स्थिति में स्वास्थ्य विभाग के पास टीके की 200 डोज ही बची है। यानि टीका आ गया तो ही टीकाकरण संचालित होता रहेगा।

जिस तरह से एक महीने पहले राज्य शासन द्वारा समय पर टीका उपलब्ध नहीं कराने से अभियान ठप पड़ गया था, वही स्थिति अब केन्द्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान में हो गया है। केन्द्र सरकार भी समय पर टीका उपलबध नहीं करा पा रही है। ऐसे में एक बार फिर टीकाकरण थमने के कगार पर आकर खड़ा हो गया है। केन्द्र सरकार ने 21 जून से टीकाकरण अभियान को अपने हाथ में लिया है। इस दौरान कहा गया कि अब टीके की कमी नहीं होगी, लगातार टीका की सप्लाई की जाएगी और टीकाकरण होता रहेगा, लेकिन यह दावा अब खोखला साबित होने लगा है। 21 से 30 जून तक टीका का स्टाक रहने पर टीकाकरण ने रफ्तार पकड़ हुई थी, लेकिन इसके बाद 1 व 2 जुलाई को स्टाक की कमी का असर दिखने लगा और टीकाकरण गिरकर हजार से नीचे आ गया। वहीं अब स्वास्थ्य विभाग यह स्पष्ट नहीं कर पा रहा है कि टीके की खेप कब आएगी, लेकिन यह जानकारी दी जा रही है कि दिल्ली से रायपुर टीके की डोज भेजी जा चुकी है। जिले को कुछ टीके मिल सकते हैं। इससे यह साफ है कि यदि टीका मिलता भी है तो ज्यादा मात्रा में नहीं मिलेगा। जिससे दो से तीन दिन तक ही टीकाकरण संचालित हो सकेगा। इसके बाद फिर टीके को लेकर दिक्कत शुरू होगी और टीकाकरण प्रभावित हो जाएगा। फिलहाल अभी की स्थिति तक टीका भेजा नहीं गया हे।  

21 जून से टीकाकरण संचालित करने के लिए जिले को कुल एक लाख 15 हजार डोज मिले थे। उनमें से 90 हजार कोविडशील्ड और 25 कोवैक्सीन की डोज रही। लेकिन 25 हजार कोविडशील्ड डोज कोरबा को देनी पड़ी। ऐसे में 90 हजार के साथ उससे पहले बचे टीके के माध्यम से टीकाकरण संचालित किया गया।  

एक बार फिर युवाओं को टीकाकरण के लिए शनिवार को केन्द्रों का चक्कर लगाना पड़ रहा है। शहरी क्षेत्र में 31 केन्द्र संचालित हो रहे हैं, लेकिन शुक्रवार को सिर्फ दो केन्द्रों में टीका लगाया गया। ऐसे में युवा वर्ग के साथ 45 साल से उपर आयु हितग्राही जिन्हें दूसरे चरण की डोज लगना थी, वे केन्द्रों में चक्कर काटते नजर आए।


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