बिलासपुर

बिलासपुर रेंज के 145 अधिकारी कर्मचारियों ने भाग लिया
'छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 21 जून। नए कानूनों के तहत साइबर अपराधों की जांच और तकनीकी समझ बढ़ाने के लिए बिलासपुर रेंज स्तर पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला के निर्देशन में रक्षित केंद्र स्थित चेतना भवन में संपन्न हुआ।
कार्यशाला में बिलासपुर रेंज के अलग-अलग जिलों से आए 145 पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों ने हिस्सा लिया, जिनमें थाना प्रभारी, उप निरीक्षक, आरक्षक, सीसीटीएनएस मास्टर ट्रेनर समेत अन्य अधिकारी शामिल रहे।
कार्यशाला की शुरुआत में एसएसपी रजनेश सिंह ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि 1 जुलाई 2024 से लागू हुए नए कानूनों में विवेचना की प्रक्रिया पूरी तरह बदली जा चुकी है। अब अधिकतर कार्य डिजिटल माध्यम से होंगे, इसलिए तकनीकी जानकारी आवश्यक है। उन्होंने अपराधों की विवेचना समय-सीमा में पूर्ण कर, साक्ष्य संकलन में तकनीकी पोर्टल का बेहतर उपयोग करने पर जोर दिया।
इस दौरान एएसपी अनुज गुप्ता ने सोशल मीडिया से जुड़े अपराधों की जांच और निगरानी पर जानकारी दी, जिससे थानों में ही साइबर फ्रॉड की समय रहते रोकथाम हो सके। सुनील कुमार सेन, विशेष शाखा, रायपुर ने नैटग्रिड पोर्टल के जरिए अपराधियों की पहचान और निगरानी की प्रक्रिया समझाई।
एनआईसी के समीर चंद्राकर ने आई रैड पोर्टल के माध्यम से सड़क दुर्घटनाओं की रिपोर्टिंग, तत्काल राहत योजना और मोबाइल ऐप के उपयोग की जानकारी दी। बताया गया कि 1.5 लाख तक की सहायता राशि दुर्घटना पीड़ितों को तत्काल मिलती है।
सीसीटीएनएस शाखा रायपुर से आए वेब और एप डेवेलपर्स ने ई साक्ष्य, ई समन, आईओ मितान, सीआरआई-मैक जैसे पोर्टल्स की उपयोगिता समझाई। दीपमाला कश्यप, जोनल एसपी, बिलासपुर ने समन्वय ऐप और राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल के जरिए जांच में तकनीकी मदद के तरीके बताए। साइबर थाने के निरीक्षक राजेश मिश्रा ने म्यूल एकाउंट इन्वेस्टिगेशन पर विशेष जानकारी दी।
प्रशिक्षण के अंत में सभी प्रतिभागियों से फीडबैक लिया गया। आयोजन में 07 उप पुलिस अधीक्षक, 20 निरीक्षक, 16 उप निरीक्षक, 34 सउनि, 41 प्रधान आरक्षक और 23 आरक्षक शामिल हुए।