बिलासपुर

कांग्रेस नेता सहित 5 की राशन दुकानों से 54 लाख से अधिक का चावल, शक्कर, नमक गायब
31-May-2025 2:16 PM
कांग्रेस नेता सहित 5 की राशन दुकानों से 54 लाख से अधिक का चावल, शक्कर, नमक गायब

16 विक्रेताओं को नोटिस, एफआईआर की तैयारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 31 मई।
शहर की पांच सरकारी राशन दुकानों में गरीबों के लिए भेजा गया चावल, शक्कर और नमक गबन किए जाने का मामला सामने आया है। खाद्य विभाग ने 16 लोगों को नोटिस जारी किया है, जिनमें पूर्व एनएसयूआई जिलाध्यक्ष अमितेश राय और पार्षद के पति जुगल किशोर गोयल भी शामिल हैं। सभी संबंधित दुकान समितियों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, प्रबंधक या विक्रेता के पदों पर हैं। इन पर अब विभाग एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी में है।

खाद्य विभाग की जांच में वार्ड नंबर 42 में संचालित 'खैर माता फूड सिक्योरिटी न्यूट्रिशन को-ऑपरेटिव सोसायटी' की दुकान से 285.48 क्विंटल चावल, 2.60 क्विंटल शक्कर और 3.35 क्विंटल नमक की कमी पाई गई। इस दुकान का संचालन अमितेश राय कर रहे थे। विभाग ने 23 सितंबर 2024 को जांच की थी, और 5 अक्टूबर को दुकान को गौरी महिला बहुद्देशीय समिति को स्थानांतरित कर दिया गया। गायब राशन की कीमत लगभग 11.98 लाख रुपये आंकी गई है। बीते 10 महीनों में खाद्य विभाग ने बार-बार नोटिस जारी किया, लेकिन न तो जवाब आया और न ही राशन की भरपाई हुई। अब अमितेश राय पर एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

 

इसी तरह 'जय मातादी प्राइमरी कंज्यूमर स्टोर', वार्ड 38, टिकरापारा में 191.40 क्विंटल चावल और 0.62 क्विंटल शक्कर की कमी मिली है। इसका मूल्य 8.05 लाख रुपये है। इस दुकान के प्रबंधन समिति अध्यक्ष शरद केशरी, प्रबंधक जुगल किशोर गोयल और विक्रेता मुकुल चौहान को नोटिस भेजा गया है।

इसी तरह मां अन्नपूर्णा दुकान (वार्ड-1) से 182.32 क्विंटल चावल और 1.18 क्विंटल नमक गायब है, जिसका मूल्य 7.66 लाख रुपये है। इस संबंध में अध्यक्ष गीतांजली यादव, सचिव कमल रजक व विक्रेता रविंद्र यादव को नोटिस जारी की गई है। मां भवानी राशन दुकान (वार्ड 39) में करीब 13.08 लाख रुपये का, महिला शक्ति राशन दुकान (वार्ड 47) में करीब 5.12 लाख रुपये का, जोगमाया फूड कमेटी( वार्ड 48) में करीब 8.37 लाख का घोटाला सामने आया है। इसके अलावा कई अन्य समितियों में भी गड़बड़ी पाई गई है। समितियों के अध्यक्ष, सचिव व विक्रेताओं के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने का निर्णय खाद्य विभाग ने लिया है।

मालूम हो कि अधिकांश राशन दुकानों पर राजनीतिक दखल है। बड़ी राजनीतिक पार्टियों के नेता या उनके करीबी ही दुकानें चलाते हैं। सत्ता में रहते हुए इन दुकानों की जांच नहीं होती, लेकिन सरकार बदलते ही कार्रवाई शुरू होती है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है।  

 खाद्य नियंत्रक अनुराग सिंह भदौरिया ने कहा है कि खाद्यान्न में अनियमितता पाई गई है। कई बार नोटिस जारी करने के बाद भी जवाब नहीं मिला। अब जल्द ही नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।


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