बिलासपुर

दो दिन के दौरे में पुलिसिंग, कानून व्यवस्था, आपदा प्रबंधन व जनसंपर्क पर दिया जोर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, 10 मई। बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला ने दो दिवसीय दौरे में जिला जीपीएम की पुलिस व्यवस्था का गहन निरीक्षण किया और पुलिसिंग की गुणवत्ता सुधारने के लिए महत्वपूर्ण निर्देश दिए। वहीं, नवपदस्थ पुलिस अधीक्षक सुरजन राम भगत की अध्यक्षता में शांति समिति की बैठक आयोजित की गई जिसमें सामाजिक सौहार्द और आपातकालीन स्थिति से निपटने की रणनीति पर चर्चा हुई।
आईजीपी डॉ. शुक्ला ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में गार्ड ऑफ ऑनर के निरीक्षण के बाद अपराध, यातायात, पुलिस कल्याण और अनुशासन से जुड़े 32 बिंदुओं पर समीक्षा की। उन्होंने नवपदस्थ एसपी सुरजन राम भगत को राज्य शासन और मुख्यालय की अपेक्षाओं से अवगत कराते हुए निर्देश दिए कि अनावश्यक लंबित अपराधों का त्वरित निराकरण किया जाए और 60 से 90 दिनों के भीतर जांच पूरी करने की व्यवस्था हो।
उन्होंने ई-साक्ष्य, ऑनलाइन पेशी और अन्य डिजिटल पहलुओं के प्रभावी उपयोग, बीट प्रणाली के विकेंद्रीकरण, विवेचकों की साप्ताहिक डायरी की निगरानी, और प्रत्येक अधिकारी की जिम्मेदारी तय करने पर जोर दिया। साइबर सेल और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की समीक्षा कर बेहतर कार्य के निर्देश दिए गए। साथ ही, सुशासन तिहार और अन्य जनशिकायतों के समयबद्ध वैधानिक निराकरण पर भी बल दिया गया।
आईजीपी ने मौके पर मौजूद फरियादियों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं और पुलिस को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
वहीं, जिला मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम में एसपी सुरजन राम भगत की अध्यक्षता में आयोजित शांति समिति की बैठक में आपातकालीन स्थिति से निपटने की तैयारी, मॉक ड्रिल, ब्लैकआउट की योजना और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने पर विचार हुआ। बैठक में एएसपी ओम चंदेल, एसडीएम ऋचा चन्द्राकर, डीएसपी निकिता तिवारी सहित जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और विभिन्न वर्गों के लोग उपस्थित रहे।
एसपी ने निर्देश दिए कि वार्ड और मोहल्ला स्तर पर वालंटियर समूह गठित किए जाएं, जो हवाई सायरन की सूचना पर बीट पुलिस अधिकारी के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई करें। सभी जरूरी सेवाओं जैसे फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस, बिजली विभाग से समन्वय बनाए रखने के लिए संबंधित अधिकारियों के नंबर सूचीबद्ध करने के निर्देश भी दिए गए।
शांति समिति की बैठक में सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों पर नियंत्रण के लिए निगरानी बढ़ाने और असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखते हुए जरूरत पडऩे पर बाउंड ओवर की प्रक्रिया अपनाने का निर्णय लिया गया। संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन सर्विलांस और भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर सतत निगरानी की योजना पर भी चर्चा की गई।
बैठक के अंत में एसपी भगत ने कहा कि पुलिस और समाज के बीच समन्वय अत्यंत आवश्यक है। आपदा हो या सामाजिक तनाव, मिल-जुलकर ही उसका प्रभावी समाधान निकाला जा सकता है। उन्होंने विश्वास जताया कि जिले की जनता और सभी विभागों के संयुक्त प्रयास से हर चुनौती का समाधान संभव है।