बिलासपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 10 मई। भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात को देखते हुए देशभर के एयरपोर्ट्स पर सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है। इसी कड़ी में बिलासा देवी केवट एयरपोर्ट में भी सुरक्षा मानकों को नया रूप दिया गया है। अब यहां से सफर करने वाले यात्रियों को फ्लाइट पकडऩे से पहले दो बार सुरक्षा जांच से गुजरना होगा। साथ ही, बोर्डिंग से 45 मिनट पहले तक ही यात्रियों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी की नई एडवाइजरी के तहत ‘सेकेंडरी लैडर प्वाइंट चेक’ प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया गया है। इसका पालन बिलासा एयरपोर्ट में शुक्रवार से शुरू कर दिया गया है। अब यात्रियों की पहले पुलिस बल द्वारा सामान्य जांच की जाएगी, और उसके बाद एयरलाइंस की सिक्योरिटी टीम द्वारा दोबारा तलाशी ली जाएगी। इसी जांच के बाद ही विमान में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
पहले एयरलाइंस द्वारा टिकट पर एक घंटे पहले पहुंचने की सलाह दी जाती थी, लेकिन कई बार यात्रियों को फ्लाइट टाइम से 30 मिनट पहले भी एंट्री दे दी जाती थी। अब यह व्यवस्था पूरी तरह खत्म कर दी गई है। फ्लाइट के निर्धारित समय से 45 मिनट पहले तक ही एयरपोर्ट में प्रवेश मिलेगा।
इसके बाद आने वाले यात्रियों को लौटना पड़ेगा। बिलासा एयरपोर्ट पर वर्तमान में दो फ्लाइट्स चल रही हैं, जो 72 सीटर हैं। यात्रियों की संख्या कम होने के कारण अभी तक केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की तैनाती नहीं की गई है। सुरक्षा का दायित्व स्थानीय पुलिस संभाल रही है। हालांकि, सुरक्षा प्रक्रिया अब और पुख्ता हो गई है, जिसमें एयरलाइन की सुरक्षा टीम भी शामिल हो गई है।
सेकेंडरी लैडर प्वाइंट चेक के अंतर्गत फ्लाइट में बोर्डिंग से ठीक पहले यात्रियों की दोबारा शारीरिक जांच और हैंड बैगेज की तलाशी ली जाती है। इसमें यात्रियों को जूते, बेल्ट या जैकेट तक उतारने को कहा जा सकता है।
बिलासा एयरपोर्ट में यह प्रक्रिया पहली बार लागू की गई है।
बिलासा एयरपोर्ट डायरेक्टर बीरेंद्र सिंह ने कहा है कि बीसीएएस की एडवाइजरी का कड़ाई से पालन शुरू कर दिया गया है। अब यात्रियों को समय से पहले एयरपोर्ट पहुंचना होगा और दो चरणों की जांच प्रक्रिया के बाद ही फ्लाइट में चढऩे की अनुमति दी जाएगी।