बिलासपुर

सर्पदंश मुआवजे पर सवाल- जितनी मौतें तपकरा में नहीं हुई, उतनी बिलासपुर में कैसे?
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 8 मई। राजस्व, आपदा प्रबंधन व खेल मंत्री टंकराम वर्मा ने बुधवार को बिलासपुर कलेक्टोरेट सभाकक्ष में राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक की शुरुआत में ही उन्होंने कहा कि “अधिकारियों के सहयोग के बिना कोई भू-माफिया गड़बड़ियां नहीं कर सकता।" उन्होंने कहा कि बिलासपुर जिले में राजस्व विभाग को पटरी पर लाने की जरूरत है और पूर्व में दर्ज गड़बड़ियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
मंत्री वर्मा ने मोपका, लिंगियाडीह और घुरू से जुड़े सरकारी जमीन की हेराफेरी के मामलों की जांच के निर्देश दिए और कहा कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने भारतमाला परियोजना की जांच से सीख लेने की भी बात कही। बैठक में कलेक्टर संजय अग्रवाल, एसएसपी रजनेश सिंह समेत जिले के सभी एडिशनल कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार मौजूद थे।
मंत्री ने राजस्व नक्शा, बटांकन और त्रुटि सुधार को गांवों में विवाद और अशांति की बड़ी वजह बताते हुए कहा कि इनके समाधान के लिए विशेष कार्य योजना बनाई जाए। उन्होंने बताया कि अब त्रुटि सुधार के अधिकार तहसीलदारों को दिए गए हैं, ताकि समय पर मामलों का निपटारा हो सके। इसके बावजूद यदि फाइलें लंबित रहती हैं, तो यह स्वीकार्य नहीं है।
वर्मा ने जिले में सर्पदंश से मौत के मामलों में मुआवजा वितरण को लेकर गड़बड़ियों की आशंका जताई और जांच के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में 481 मामलों में मुआवजा बांटा गया है, जबकि सर्पदंश के लिए चर्चित जशपुर के तपकरा में इतने मामले दर्ज नहीं हुए। मंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों की जांच में गांववालों से पूछताछ जरूर की जाए और देखा जाए कि कहीं कोई गिरोह तो इसमें सक्रिय नहीं है।
मंत्री ने साफ किया कि कोटवारी एवं पट्टे पर दी गई जमीनें सेवा भूमि की श्रेणी में आती हैं, इन्हें बेचना गैरकानूनी है। यदि किसी ने इन्हें बेचा है, तो तत्काल वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की जाए। उन्होंने कॉलेज और स्कूलों के आसपास के अतिक्रमण को प्राथमिकता से हटाने के निर्देश दिए और कहा कि ऐसे स्थानों पर अतिक्रमण असामाजिक तत्वों का अड्डा बन जाते हैं।
बैठक में उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, भूमिहीन कृषि मजदूर योजना, पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ पात्र लोगों को दिलाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल में आवेदन स्वीकार करने से पहले चेकलिस्ट से मिलान की प्रक्रिया सुनिश्चित करने को कहा, ताकि प्रमाण पत्र जारी करने में अनावश्यक विलंब न हो।
बैठक के अंत में मंत्री वर्मा ने खेल एवं युवा कल्याण विभाग की समीक्षा की। उन्होंने इंडोर स्टेडियम में चल रहे निर्माण कार्यों की जानकारी ली और इन्हें जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। साथ ही कलेक्टर को कहा कि एनटीपीसी, एसईसीएल जैसी बड़ी कंपनियों के सीएसआर मद से खेल सुविधाओं के लिए फंडिंग सुनिश्चित कराई जाए।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने भरोसा दिलाया कि लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा किया जाएगा और हर स्तर पर पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।