बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 21 मार्च। छत्तीसगढ़ को मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त राज्य बनाने की दिशा में पहल शुरू हो गई है। प्रथम चरण में पांच जिलों के लाभार्थियों को चिन्हांकित कर रजिस्ट्रेशन किया गया है, जिनका जल्द ही ऑपरेशन किया जाएगा। इसके लिए मितानिन, स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं नेत्र नेत्र सहायक अधिकारियों को अधिकृत किया गया। ताकि सर्वे कर स्पॉट में ही उनका रजिस्ट्रेशन कर मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जा सके। पंजीकृत मरीजों का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर ही ऑपरेशन के पूर्व किए जाने वाली सभी जांच कराकर उन्हें ऑपरेशन के लिए भेजा जाएगा, ताकि अकारण देरी की स्थिति उत्पन्न न हो। इसके साथ ही उन्हें प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा।
प्रथम चरण में पांच जिले मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त राज्य योजना के संबंध में संचालक महामारी नियंत्रण सह राज्य कार्यक्रम अधिकारी अंधत्व निवारण, डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया योजना के प्रथम चरण के लिए पांच जिलों रायपुर, धमतरी, दुर्ग, जगदलपुर एवं सूरजपुर का चयन किया गया है। इसके लिए सर्वे कर एप में ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन भी किया गया है। जिसके तहत रायपुर में 960, धमतरी में 964, दुर्ग में 1789, जगदलपुर में 1211 तथा सूरजपुर में 541 मरीजों को ऑपरेशन के लिए चिन्हांकित किया गया है। इनमें एक आंख में मोतियाबिंद और दोनों आंख में मोतियाबिंद के मरीज शामिल हैं।
सालभर में लगभग 1 लाख ऑपरेशन
डॉ. मिश्रा ने बताया औसतन सालभर में लगभग 1 लाख मरीजों का मोतियाबिंद ऑपरेशन किया जाता है। वहीं मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त योजना के तहत मरीजों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। क्योंकि मोतियाबिंद के मरीज सामान्यत: उम्रदराज होते हैं इसलिए अस्पताल लाने से लेकर घर पहुंचाने और ऑपरेशन प्रक्रिया के दौरान असुविधा ना हो इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा।


