बीजापुर

पुनर्वास नीति और विकास योजनाओं का असर, माओवादियों में संगठन से मोहभंग बढ़ा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 27 अगस्त। एक बार बीजापुर पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। जिले के विभिन्न थानों में सक्रिय कुल 30 नक्सलियों ने आज आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुडऩे का फैसला किया। आत्मसमर्पण करने वालों में 20 नक्सलियों पर कुल 81 लाख रुपये का इनाम घोषित था। समर्पण करने वालो में डीवीसीएम, एसीएम, पीएलजीए, डीएकेएमएस सदस्य आदि शामिल है।
वरिष्ठ पुलिस अफसरों की उपस्थिति में समर्पण
यह आत्मसमर्पण दंतेवाड़ा रेंज के उप पुलिस महानिरीक्षक कमलोचन कश्यप, डीआईजी सीआरपीएफ बीएस नेगी व पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ. जितेंद्र कुमार यादव की उपस्थिति में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर किया।
पुनर्वास नीति का असर और विकास की गति बनी निर्णायक कारक
बताया गया है कि नक्सलियों के आत्मसमर्पण के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं, जैसे सुरक्षा बलों की सक्रियता और नवीन सुरक्षा कैम्पों की स्थापना, सडक़ों का विस्तार, बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की पहुंच, शासन की नियत नेल्लानार योजना के तहत रोजगार, शिक्षा और मुलभुतसुविधाओ का विस्तार तथा संगठन में आंतरिक कलह, विचारधारा से मोहभंग और शोषण शामिल है।
2025 में अब तक के आंकड़े
307 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर किया हैं।
331 नक्सली गिरफ्तार हुए
132 नक्सली मुठभेड़ों में मारे गए
प्रोत्साहन राशि के रूप में 50,000 के चेक प्रदान
सरकार की पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पित सभी नक्सलियों को प्रोत्साहन स्वरूप 50-50 हजार की राशि का चेक प्रदान किया गया है।
बीजापुर पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने नक्सलियों से अपील की कि वे शांति और विकास की राह चुनें और सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाकर सम्मानजनक जीवन जिएं। उन्होंने कहा समाज और परिवार उन्हें वापस चाहता है। सरकार की योजनाएं अब नक्सलियों को आकर्षित कर रही हैं। यह सही समय है लौट आने का।