बीजापुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर/ भोपालपटनम, 2 मई। महिला एवं बाल विकास विभाग में एक बार फिर से तानाशाहीपूर्ण रवैये के आरोपों ने तूल पकड़ लिया है। भोपालपटनम ब्लॉक में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ ने सुपरवाइजर अंकिता प्रजापति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संघ का आरोप है कि विभाग की सुपरवाइजर न केवल कार्यकर्ताओं से कमीशन की मांग करती हैं, बल्कि उनके साथ अभद्र व्यवहार भी किया जाता है।
संघ का आरोप है कि सुपरवाइजर द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से हर माह सुपोषण मद से 100 रुपये और टीए के 300 रुपये बतौर कमीशन वसूलने की मांग की जाती है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि जो कर्मचारी यह राशि नहीं देते, उन्हें मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जाता है और उनका मानदेय रोक दिया जाता है।
गंभीर आरोपों में यह भी शामिल है कि गुल्लागुड़ा के आंगनबाड़ी केंद्र में पदस्थ कार्यकर्ता नरेन्द्रा दुर्गम का अप्रैल 2025 का सात दिन का मानदेय बिना किसी वैध कारण के काट लिया गया। यह कार्रवाई स्पष्ट रूप से विभागीय नियमों के खिलाफ है। घटना के बाद 25 अप्रैल को गोल्लागुड़ा में आयोजित सेक्टर बैठक में जब कार्यकर्ता ने विरोध किया तो सुपरवाइजर ने उन्हें बैठक से बाहर निकाल दिया।
इस व्यवहार से नाराज होकर आंगनबाड़ी संघ ने एक स्वर में विरोध दर्ज किया और परियोजना अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए सुपरवाइजर को तत्काल हटाने की मांग की है।
संघ का कहना है कि यदि जल्द से जल्द इस मामले में सुपरवाइजर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। यह मामला केवल एक कर्मचारी का नहीं, बल्कि पूरे विभाग में व्याप्त एक बड़ी समस्या की ओर इशारा करता है, जिसे अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
संघ की जिलाध्यक्ष रेहाना खान ने बताया कि कार्रवाई नहीं होने पर संघ सोमवार को बीजापुर मुख्यालय में रैली निकालकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेगा।
वहीं सुपरवाइजर अंकिता प्रजापति का कहना है कि मेरे निरीक्षण के दौरान कार्यकर्ता नरेंद्रा दुर्गम केंद्र से अनुपस्थित थी। उनके द्वारा पंजी भी कम्प्लीट नहीं की गई थी। साथ ही पोषण ट्रैकर एप भी उस दिन नहीं खोला गया था। और जिस दिन खोला गया, उस दिन की फर्जी इंट्री की गई। ये सारे सबूत मेरे पास हैं। इसी के चलते मुझ पर यह झूठा व बेबुनियाद आरोप लगाया जा रहा है।