बीजापुर

हेलीकॉप्टर से उतरे सैकड़ों जवान, पहाड़ पर लहराया तिरंगा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 30 अप्रैल। बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक के नक्सल प्रभावित कर्रेगुट्टा क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। लगातार आठ दिन तक चले सघन सर्च ऑपरेशन के बाद सुरक्षाबलों को हेलीकॉप्टर से उतार करीब 5000 फीट ऊंचे कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर कब्जा कर वहां पर जवानों ने तिरंगा लहराया है। पहाड़ी की चोटी पर स्थित खुले मैदान में अब सुरक्षाबलों का अस्थायी कैंप स्थापित कर दिया गया है, जहां सैकड़ों जवान डेरा डाले हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर यहां ऑपरेशन लांच किया गया था। अभियान में सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन, एसटीएफ, डीआरजी और जिला पुलिस बल के विशेष दस्ते शामिल रहे। दुर्गम और ऊबड़-खाबड़ रास्तों से होकर गुजरते हुए सुरक्षाबलों ने पहाड़ी तक पहुंच बनाई, जबकि रसद और जवानों की टुकडिय़ों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से सीधे पहाड़ी पर उतारा गया।
अस्थायी कैंप से बढ़ेगी निगरानी
कर्रेगुट्टा की यह पहाड़ी नक्सली मूवमेंट के लिए एक अहम ठिकाना मानी जाती रही है। यहां से आसपास के जंगल क्षेत्रों पर सीधी नजर रखी जा सकती है। सुरक्षाबलों ने इस जगह को अस्थायी कैंप में बदलते हुए निगरानी और ऑपरेशनल गतिविधियों को तेज कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, इस क्षेत्र में पहली बार इतने बड़े स्तर पर सुरक्षा बलों की मौजूदगी बनी हुई है।
स्थायी चौकी की योजना पर विचार
सूत्रों का दावा है कि यहां एक स्थायी सुरक्षा चौकी (फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस) स्थापित करने की योजना पर काम किया जा रहा है। इससे पूरे क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियानों को मजबूती मिलेगी और ग्रामीणों में सुरक्षा की भावना और मजबूत होगी।
ग्रामीणों ने जताई राहत
इस कार्रवाई के बाद आसपास के गांवों में भी स्थिति सामान्य होती दिख रही है। ग्रामीणों ने सुरक्षाबलों की इस पहल का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि अब इलाके में स्थायी शांति और विकास के रास्ते खुलेंगे।
हिड़मा भाग गया..?
ऐसी चर्चा है कि कर्रेगुट्टा ऑपरेशन के दौरान फोर्स के बढ़ते दबाव को देखते हुए नक्सली हिड़मा मौका पाकर तेलंगाना के रास्ते भाग निकला..! हालांकि इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है।