बेमेतरा

मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना, बेमेतरा नई स्वीकृति नहीं
27-Dec-2025 3:47 PM
मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना, बेमेतरा नई स्वीकृति नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 27 दिसंबर। मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना (सीएमजीएसवाई) के अंतर्गत प्रदेश में बीते दो वर्षों में कुल 105 सडक़ों को स्वीकृति दी गई है। इनमें से 88 सडक़ों की स्वीकृति हाल ही में तीन दिनों के भीतर दी गई। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, इन स्वीकृतियों में कबीरधाम जिले को 28, रायगढ़ जिले को 36 और जशपुर जिले को 24 सडक़ें शामिल हैं।

बेमेतरा जिले को इस अवधि में न तो किसी नई सडक़ और न ही किसी नवीनीकरण कार्य की स्वीकृति मिली है।

 इस स्थिति को लेकर जिले के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि जिले के साथ समान व्यवहार नहीं किया गया। स्थानीय जनप्रतिनिधियों का यह भी कहना है कि योजना की सडक़ों के रखरखाव के लिए पर्याप्त फंड जारी नहीं हो रहा है, जिसके कारण पूर्व में निर्मित सडक़ों की स्थिति खराब हो गई है।

 जिले से भेजे गए प्रस्ताव

लोक निर्माण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना के अंतर्गत जिले से 17 नवीन सडक़ों (कुल लंबाई 39.5 किलोमीटर, अनुमानित लागत 37.61 करोड़ रुपये) का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इनमें बेमेतरा ब्लॉक की 6, नवागढ़ की 6, साजा की 2 और बेरला की 3 सडक़ें शामिल हैं।

इसके अलावा सडक़ों के नवीनीकरण के लिए जिले की 48 सडक़ों (कुल लंबाई 116 किलोमीटर, अनुमानित लागत 55.71 करोड़ रुपये) का प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें बेमेतरा की 10, नवागढ़ की 24, साजा की 8 और बेरला की 6 सडक़ें शामिल हैं।

 भारी वाहनों के आवागमन  को लेकर शिकायत

स्थानीय लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत निर्मित सडक़ों की भार क्षमता 12 टन निर्धारित है, जबकि इन सडक़ों पर इससे अधिक भार वाले वाहन संचालित हो रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार, इससे सडक़ों की स्थिति प्रभावित हो रही है।

बजट को लेकर विभागीय स्थिति

जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों का कहना है कि बजट के अभाव में जिले में योजना के अंतर्गत नए कार्य प्रारंभ नहीं हो पा रहे हैं और पुरानी सडक़ों की मरम्मत भी नहीं हो रही है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन प्रभावित हो रहा है।

 

आपातकालीन सेवाओं से जुड़ी समस्या

खैरझिटी कला से डूडा तक 3.50 किलोमीटर लंबी सडक़ का निर्माण वर्ष 2018 में किया गया था। ग्रामीणों के अनुसार, निर्माण के बाद सडक़ का नियमित रखरखाव नहीं हुआ, जिससे मार्ग पर गड्ढे बन गए हैं। इस मार्ग से खैरझिटी, हरदास, पदुमसरा, किरकी और डूडा गांव जुड़े हैं। ग्रामीणों का कहना है कि खराब सडक़ के कारण दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है और आपातकालीन वाहनों को भी परेशानी होती है।

मांग शासन को भेजी जा  चुकी है- विधायक

विधायक दीपेश साहू ने कहा कि नई सडक़ों और नवीनीकरण कार्यों से संबंधित मांग शासन को भेजी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इन प्रस्तावों की स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री से मुलाकात कर आग्रह किया जाएगा।


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