बेमेतरा

एथेनॉल प्लांट के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान
15-Oct-2024 2:35 PM
एथेनॉल प्लांट के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान

कलेक्टर और आंदोलनकारी की बैठक, समस्याओं और आशंकाओं को सामने रखा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
बेमेतरा, 15 अक्टूबर।
रांका पथर्रा क्षेत्र के किसान एथेनॉल प्लांट के विरोध में आंदोलन कर रहे हंै। आंदोलन का 23वां दिन है। आज भी आंदोलनकारी में उत्साह और उमंग दिखाई देता है, जो पहले दिन था। सोमवार दोपहर को कलेटोरेट सभागार में आंदोलनकारी किसानों के प्रतिनिधि मंडल के जिलाधीश साथ बैठक हुई। जिसमें दोनों पक्षों में सहमति नहीं होने से आज भी आंदोलन जारी है।

आंदोलनकारियों का एक प्रतिनिधि मंडल जिला प्रशासन से मिल कर अपनी बात रख कर प्लांट बंद करने की मांग रखी। जिलाधीश रणबीर शर्मा ने आंदोलनकारी किसानों के पैनल को बैठक के लिए आमंत्रित किया था जो बेमेतरा में कल दोपहर 12.30 से जिलाधीश सभागार में बैठक प्रारंभ हुई। इसमें क्षेत्र के प्रमुख आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया।  बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रशासन को इस बात से अवगत कराना था। आंदोलनकारियों ने अपनी समस्याओं और आशंकाओं को सामने रखा। उन्होंने प्लांट खुलने का विरोध किया।

ज्ञात हो कि  आंदोलनकारी किसानों के लगातार धरना और प्रदर्शन के कारण प्रशासन की नींद उड़ गई है। खेतों में धान कटाई का कार्य प्रारंभ होने वाला है उसके बाद भी संख्या में कोई कमी दिखाई नहीं दे रही है। महिलाएं जनजागरण के लिए बेमेतरा कूच करने वालीं थी। जिससे घबराकर जिला प्रशासन आनन-फानन में मिलने के लिए निमंत्रण भेजा। कंपनी प्रबंधन के अनुसार आवश्यकता अविष्कार की जननी होती है, परिणाम समय की मांग, वर्तमान समय में ऊर्जा ही नहीं बल्कि मेडिसीन से लेकर सौंदर्य सामाग्रियों समेत अन्य क्षेत्रों में एथेनॉल की सर्वाधिक मांग है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। लेकिन भारत एथेनॉल के उत्पादन में बहुत ही पीछे है। इतने बड़े देश में मात्र 400 प्लान्ट से एथेनॉल का उत्पादन हो रहा है। जरूरतों के हिसाब से एथेनॉल का उत्पादन मात्र एक या दो प्रतिशत से अधिक नहीं है। जाहिर सी बात है हमारी सरकार भारी भरकम राशि खर्च कर विदेशों से आयात कर जरूरतों को पूरा कर रहीं है।

एथेनॉल उत्पादन की नई क्रांति पैदा करने का प्रयास
समय की मांग को भांपते हुए भारत सरकार ने जहां तहां एथेनाल उत्पादन की नई क्रांति पैदा करने का प्रयास किया और प्रयास अब सफल होता दिखाई दे रहा है। देश के अन्य भागों के साथ छत्तीसगढ़ भी एथेनॉल उत्पादन क्रांति में देश के साथ कदम से कदम प्रदेश सरकार के प्रयास से जहां तहां एथेनॉल उत्पादन की नई ईकाइयां स्थापित की जा रही है। कुछ ने तो काम करना भी शुरू कर दिया है।

समृद्ध होगा बेमेतरा जिला 
जल्द ही एथेनॉल उत्पादन में प्रदेश यानी छत्तीसगढ़ का नाम देश में गर्व से लिया जाएगा। प्रदेश के 33 जिलों एथेनॉल का सर्वाधिक उत्पादन होगा। बहरहाल ग्राम पंचायत पथर्रा में प्रदेश का तीसरा एथेनॉल प्लान्ट दो एक दिन में शुरू हो जाएगा। 

जिले में एथेनॉल के 11 प्लान्ट तैयार हो रहे है। दो-एक प्लान्ट से दो एक दिन बाद उत्पादन कार्य शुरू हो जाएगा। इससे स्थानीय स्तर पर बेरोजगारी में कमी आएगी। धान की पैदावार बढ़ेगी। जाहिर सी बात है कि लोग समृद्ध होंगे।


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