बेमेतरा

फसल पककर तैयार, बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता
14-Oct-2022 2:06 PM
फसल पककर तैयार, बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता

आशीष मिश्रा

बेमेतरा,  14 अक्टूबर (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता )।  छ: दिनों से क्षेत्र में समय दर समय बारिश होने से किसान फसल को लेकर परेशान हो रहे हैं। किसानों की माने तो वर्तमान में ज्यादातर किसान अधिक समय में पकने वाले धान की किस्म की अपेक्षा कम समय में पकने वाले धान की खेती अधिक करते हैं।

कृषि विभाग के अनुसार जिले में इस बार कुल 1,87 हजार हेक्टेयर में धान का फसल लिया जा रहा है। जिले में 35410 हेक्टेयर रकबा में कम समय में पकने वाला धान का फसल लिया जा रहा है। वहीं मध्यम अवधि में पकने वाला धान जिले में 88800 हेक्टेयर में लिया जा रहा है। बीते दो साल का ब्यौरा देखा जाये तो जिले में कम समय में पकने वाला धान का रकबा 2019,2020 की अपेक्षा बढ़ चुका है, पर पूर्व सत्र की अपेक्षा लगभग 1600 हेक्टेयर कम हुआ है।

इसके विपरीत अधिक समय मेें पकने वाले किस्म के धान का रकबा कम हुआ है और 2019,2020,2021 में औसत 54 हजार हेक्टेयर का था, पर इस बार गिर कर 51230 हेक्टेयर हो चुका है। वही मध्यम समय में पकने वाला धान का रकबा भी पूर्व की अपेक्षा इस बार भी कम हुआ है।

पूर्व सत्र में एक लाख हेक्टेयर में इस किस्म का फसल लिया पर इस बार 88,800 हेक्टेयर में मध्यम समय अवधि में पकने वाले का धान की पैदावरी लिया जा रहा है। क्षेत्र में खरीफ सीजन में सर्वाधिक धान का फसल का रकबा है। वर्तमान हो रहे बारिश की वजह से धान का फसल नुकसान होने का खतरा है।

सबसे अधिक धान का रकबा, पर 40 हजार हेक्टेयर में दीगर फसल
जिले में जारी खरीफ सीजन के दौरान धान का सर्वाधिक रकबा 1 लाख 87 हजार हेक्टेयर, मक्का 624 हेक्टेयर, ज्वार कोदो कुटकी 5 हजार हेक्टेयर, अरहर 8 हजार हेक्टेयर, उडद 100 हेक्टेयर, मुंग 68 हेक्टेयर, मूंगफली, 1250 हेक्टेयर, सोयाबीन 2150 हेक्टेयर, तिल 110 हेक्टेयर, कपास 1820 हेक्टेयर, गन्ना 3880 हेक्टेयर, व साग सब्जी व अन्य फसल 13940 हेक्टेयर मेें फसल लिया जा रहा है। वर्तमान हालत में गन्ना को छोडकर दिगर फसल को बारिश से नुकसान हो रहा है।

धान जमीन पर गिर चुका है
कृषि विद्यार्थी व किसान पलास दुबे ने बताया कि सप्ताह भर से हवाओं के साथ हो रहे बारिश की वजह से धान जमीन पर गिर चुका है। पानी में डूबने के कारण धान की बाली गिरने का खतरा बढ़ चुका है। फसल के पानी में होने के कारण समेटना मुश्किल हो रहा है।

किसान भगवती वर्मा ने बताया कि फसल को काटने के बाद जहां पर बारिश हुआ है वहां पर किसान खेत जाने से बच रहे हैं। किसान काशी राजपूत ने बताया कि इसी तरह की स्थिति रही है तो आने वाले दिनों में समस्या और विकट हो सकता है। बारिश की वजह से कट चुके महामाया धान अधिक प्रभावित हो रहा है। वहीं पकने के अतिंम चरण में पहुंच चुके स्वर्णा धान की बालि निकलने की स्थिति में है जिसे हो रहे बारिश से नुकसान का खतरा बढ़ चुका है।

जिले में 735 मिमी. औसत वर्षा दर्ज
बेमेतरा जिले में जिले मे 755.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। सर्वाधिक 859.3 मिमी वर्षा बेमेतरा तहसील में तथा न्यूनतम 689.2 मिमी वर्षा नवागढ़ तहसील में दर्ज की गई है। संयुक्त जिला कार्यालय के भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार थानखम्हरिया तहसील में 724.7 मिमी वर्षा, बेरला तहसील में 738.9 मिमी वर्षा तथा साजा तहसील में 765.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है।
 वही आज हुए बारिश का आकड़ा जुटा जाना बाकी है जाते-जाते मानसून खेतों केा तरबतर कर रहा जिसके कारण कास्तकारी काम प्रभावित हो रहा है।
 


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